
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 25 सितंबर 2025 को एक बार फिर वैश्विक व्यापार को झटका देते हुए कई आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह नई टैरिफ नीति 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी, जिसमें ब्रांडेड दवाइयों पर 100%, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50%, अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर पर 30%, और भारी ट्रकों पर 25% आयात कर शामिल है।
ट्रंप ने इन टैरिफ्स को “राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य कारणों” से प्रेरित बताया, जिसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना और बजट घाटे को कम करना है। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे महंगाई बढ़ सकती है और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता गहरा सकती है।
टैरिफ की प्रमुख विशेषताएं
- दवाइयां (100% टैरिफ): ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाइयों पर 100% आयात कर लगाने की घोषणा की। हालांकि, यह टैरिफ उन कंपनियों पर लागू नहीं होगा जो अमेरिका में अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित कर रही हैं (यानी जिन्होंने “ग्राउंड ब्रेकिंग” शुरू किया हो या निर्माण कार्य प्रगति पर हो)। 2024 में अमेरिका ने $233 बिलियन मूल्य की दवाइयां और औषधीय उत्पाद आयात किए थे, जिनमें भारत से $12.72 बिलियन का आयात शामिल था। भारत अमेरिका में हर दस में से चार नुस्खों के लिए दवाइयां आपूर्ति करता है।
- किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी (50% टैरिफ): इन उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाया जाएगा, क्योंकि ट्रंप के अनुसार, विदेशी निर्माता, खासकर वियतनाम, चीन, मैक्सिको और मलेशिया से, इनका भारी आयात अमेरिकी निर्माताओं को नुकसान पहुंचा रहा है। यह टैरिफ घरेलू निर्माण लागत को और बढ़ा सकता है, क्योंकि अमेरिका में आवास की कमी और उच्च बंधक दरों ने पहले ही घर खरीदारों पर दबाव डाला है।
- अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर (30% टैरिफ): फर्नीचर आयात, विशेष रूप से अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर, पर 30% टैरिफ लगेगा। ट्रंप ने इसे भी राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थानीय निर्माताओं की सुरक्षा से जोड़ा है।
- भारी ट्रक (25% टैरिफ): भारी ट्रकों और उनके पुर्जों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा कि यह कदम पीटरबिल्ट, केनवर्थ, फ्रेटलाइनर, और मैक जैसे अमेरिकी ट्रक निर्माताओं को “अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा” से बचाने के लिए है। हालांकि, यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बताया कि शीर्ष आयातक देश—मैक्सिको, कनाडा, जापान, जर्मनी, और फिनलैंड—अमेरिका के सहयोगी हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं।
ट्रंप का तर्क और औचित्य
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर इन टैरिफ्स को राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि विदेशी आयात ने अमेरिकी निर्माताओं को नुकसान पहुंचाया है, और ये टैरिफ स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देंगे। ट्रंप ने दावा किया कि यह कदम सरकारी बजट घाटे को कम करने में भी मदद करेगा। दवाइयों के लिए, उन्होंने कहा कि टैरिफ उन कंपनियों को प्रोत्साहित करेगा जो अमेरिका में कारखाने स्थापित करेंगी।
ट्रंप प्रशासन ने इन टैरिफ्स को ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के तहत शुरू की गई जांचों से जोड़ा, जिसमें दवाइयों और ट्रकों के आयात को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया। हालांकि, फर्नीचर और कैबिनेट के टैरिफ के लिए कोई स्पष्ट कानूनी औचित्य नहीं दिया गया, जिसे विशेषज्ञों ने “असामान्य” करार दिया।
भारत पर प्रभाव
भारत, जो अमेरिका का एक प्रमुख दवा आपूर्तिकर्ता है, पर इन टैरिफ्स का गहरा असर पड़ सकता है। 2022 में भारत ने अमेरिका में भरे गए 40% नुस्खों की आपूर्ति की थी, और 2024 में भारत का दवा निर्यात $12.72 बिलियन था। फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरर्स ऑफ अमेरिका ने चेतावनी दी कि 100% टैरिफ से दवाइयों की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं, जिससे अमेरिकी स्वास्थ्य सेवा खर्च और महंगाई बढ़ सकती है। भारत की जेनेरिक और स्पेशियलिटी दवाइयों पर टैरिफ का असर अभी अस्पष्ट है, लेकिन इससे भारतीय कंपनियों, जैसे जायडस लाइफसाइंसेज और ल्यूपिन, को नुकसान हो सकता है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने X पर कहा कि ट्रंप के टैरिफ्स का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, और इससे नौकरियां जा रही हैं। उन्होंने ट्रंप को “असामान्य राष्ट्रपति” करार दिया।
विशेषज्ञों और उद्योग की प्रतिक्रिया
- यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स: इस संगठन ने ट्रक टैरिफ्स का विरोध करते हुए कहा कि आयातक देश अमेरिका के सहयोगी हैं, और ये टैरिफ अनावश्यक हैं।
- राष्ट्रीय रियल्टर्स एसोसिएशन: किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर टैरिफ से घर की लागत बढ़ेगी, जिससे पहले से ही उच्च बंधक दरों और आवास की कमी से जूझ रहे खरीदारों पर बोझ पड़ेगा।
- विशेषज्ञों की चेतावनी: अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ महंगाई को बढ़ा सकते हैं और आर्थिक विकास को धीमा कर सकते हैं। दवाइयों पर 100% टैरिफ से मेडिकेयर और मेडिकेड की लागत बढ़ सकती है, जिसका असर मतदाताओं पर पड़ेगा।
सामाजिक और वैश्विक प्रभाव
ट्रंप के टैरिफ्स ने X पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कुछ यूजर्स ने इसे अमेरिकी निर्माताओं के लिए “ऐतिहासिक कदम” बताया, जबकि अन्य ने इसे “आर्थिक आत्महत्या” करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “ट्रंप की नीति से दवाइयों की कीमतें आसमान छुएंगी। आम अमेरिकी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।”
वैश्विक स्तर पर, ये टैरिफ भारत, चीन, मैक्सिको, और यूरोप जैसे प्रमुख आयातकों के साथ व्यापारिक तनाव बढ़ा सकते हैं। विशेष रूप से, भारत की जेनेरिक दवा उद्योग पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि कई भारतीय कंपनियों के पास अमेरिका में कारखाने नहीं हैं।