
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 21 सितंबर 2025 को शाम 5 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे। यह संबोधन नवरात्रि की पूर्व संध्या पर हो रहा है, और माना जा रहा है कि पीएम मोदी इसमें जीएसटी 2.0 की नई दरों और सुधारों पर चर्चा कर सकते हैं, जो कल, 22 सितंबर 2025 से लागू हो रही हैं। हालांकि, उनके संबोधन के सटीक विषय पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
जीएसटी 2.0: संभावित चर्चा का केंद्र
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी अपने संबोधन में जीएसटी 2.0 के तहत होने वाले सुधारों पर प्रकाश डाल सकते हैं। इस साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में, पीएम मोदी ने ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स’ की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने आम जनता के लिए ‘दिवाली का तोहफा’ बताया था। 3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो-स्तरीय कर संरचना (5% और 18%) को मंजूरी दी, जिसमें ‘सिन’ (हानिकारक) वस्तुओं के लिए 40% का विशेष स्लैब शामिल है।
नई जीएसटी दरों के तहत, रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं जैसे पनीर, भारतीय ब्रेड, दवाइयां, और स्वास्थ्य बीमा को 0% या 5% कर स्लैब में रखा गया है, जबकि एयर कंडीशनर, टीवी, रेफ्रिजरेटर, और सीमेंट जैसी वस्तुओं पर कर 28% से घटाकर 18% किया गया है। छोटी कारों (पेट्रोल इंजन <1200cc, डीजल <1500cc, लंबाई <4m) पर भी जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है। ये बदलाव नवरात्रि के पहले दिन, 22 सितंबर से लागू होंगे, जिससे कई उत्पादों की कीमतों में कमी की उम्मीद है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगी।
पीएम का संदेश: आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक विकास
पीएम मोदी ने पहले कहा था कि जीएसटी 2.0 ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्यों को बढ़ावा देगा। उन्होंने इसे ‘पंच रत्न’ (पांच रत्न) के रूप में वर्णित किया, जिसमें सरल कर प्रणाली, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, उपभोग और विकास को बढ़ावा, व्यवसाय करने की आसानी, और सहकारी संघवाद को मजबूती शामिल है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि ये सुधार गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, और एमएसएमई को लाभ पहुंचाएंगे।
अन्य संभावित विषय
हालांकि जीएसटी सुधारों पर चर्चा की संभावना प्रबल है, पीएम मोदी नवरात्रि की शुरुआत और सांस्कृतिक महत्व पर भी बात कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने अपने ट्वीट में ‘शुभो महालया’ की शुभकामनाएं देते हुए किया। इसके अलावा, वह वैश्विक व्यापार चुनौतियों, जैसे अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% कर, और भारत की आत्मनिर्भरता की रणनीति पर भी चर्चा कर सकते हैं, जैसा कि उन्होंने पहले अपने भाषणों में उल्लेख किया था।
आर्थिक प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया
जीएसटी सुधारों से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में 4-5% की कमी की उम्मीद है, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधन के अनुसार, ये सुधार वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी को 0.2-0.3% तक बढ़ा सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कॉरपोरेट्स उत्पादों की कीमतें बढ़ाकर कर कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा सकते। इसके बावजूद, उद्योग जगत और व्यापारियों ने इन सुधारों का स्वागत किया है, खासकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इसे उपभोग-प्रेरित विकास के लिए बड़ा कदम बताया।