
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के कारण 12 जिलों के 1,044 गांव पानी में डूब गए हैं, जिससे 2.56 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है, और 94,061 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है, जिसमें मानसा, अमृतसर, कपूरथला और फिरोजपुर सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं।

मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए रेड अलर्ट और बुधवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब में इस मानसून सीजन में 470 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से 30% अधिक है। अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश की संभावना है, लेकिन 3 सितंबर से बारिश की तीव्रता कम हो सकती है। पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने फिरोजपुर का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में समय पर सहायता और समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और 7,144 लोग 129 राहत शिविरों में ठहरे हैं। एनडीआरएफ, सेना, वायुसेना और बीएसएफ की टीमें 114 नावों और 35 हेलीकॉप्टरों के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं। अमृतsar (23,000 हेक्टेयर), मानसा (17,005 हेक्टेयर), कपूरथला (14,934 हेक्टेयर) और फिरोजपुर (11,232 हेक्टेयर) में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। पशुधन और बुनियादी ढांचे का नुकसान भी भारी है, जिसका आकलन जलस्तर कम होने के बाद होगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है और फसल नुकसान के लिए प्रति एकड़ 50,000 रुपये मुआवजे की मांग की है। स्कूलों की छुट्टियां 3 सितंबर तक बढ़ा दी गई हैं।