पंजाब में बाढ़ का तांडव: सतलुज, रावी, ब्यास और उज्ज नदियां उफान पर, सैकड़ों गांव जलमग्न, हजारों बेघर

पंजाब में मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सतलुज, रावी, ब्यास और उज्ज नदियों के उफान पर होने से पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, कपूरथला, होशियारपुर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जैसे आठ जिलों के 200 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं, और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने गुरुवार को एक दिन की राहत के बाद 29 अगस्त से तीन दिन फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है।

माधोपुर हेडवर्क्स में गेट टूटने से बढ़ी मुश्किलें
पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स पर रावी नदी के तेज बहाव में चार फ्लड गेट टूट गए, जिससे 50 कर्मचारी फंस गए थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने हेलिकॉप्टरों (रुद्र और चिनूक) की मदद से उन्हें सुरक्षित निकाला, लेकिन सिंचाई विभाग के कर्मचारी विनोद कुमार लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। रणजीत सागर बांध से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने और भाखड़ा व पौंग बांधों से अतिरिक्त पानी की निकासी ने बाढ़ की स्थिति को और गंभीर कर दिया है।

करतारपुर कॉरिडोर और गुरुद्वारे में जलभराव
पाकिस्तान में रावी नदी के उफान के कारण श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और करतारपुर कॉरिडोर में कई फीट पानी भर गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने बताया कि गुरुद्वारे के मुख्य दरबार सहित पूरा परिसर जलमग्न है, जिससे सिख श्रद्धालुओं में चिंता है।

फिरोजपुर और अमृतसर में हालात गंभीर
फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर के पास 11 पंचायतों के गांव पानी में डूब गए हैं। सरहिंद नहर पर बना एक पुल टूटने से कई गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि तीन दिनों से घरों में पानी घुसा हुआ है, और पशुओं के लिए चारे का अभाव है। सतपाल सिंह (भाने वाला गट्टी रहीमेके) ने बताया कि खेतों में 3-4 फीट पानी है, और निचले इलाकों के मकानों में पानी पूरी तरह भर गया है। कई लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं।
अमृतसर में रावी के बढ़ते जलस्तर ने अजनाला और रामदास क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है। धुसी बांध में दरारें और टूटने से गांवों में पानी घुस गया। डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने गुरुवार सुबह 4 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की, और सेना व एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।

बचाव और राहत कार्य तेज
पंजाब में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और सीआरपीएफ की 13 टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, जिन्होंने अब तक 720 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। गुरदासपुर के दबुड़ी में जवाहर नवोदय विद्यालय के 381 छात्रों और 70 शिक्षकों को बचाया गया। फिरोजपुर में 2,000 से अधिक लोगों को पिछले 48 घंटों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जालंधर में केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, और 12 राहत शिविर (बाग्गे वाला, बरे के, डुलची के, फत्ते वाला, जोए वाला, मदी के) बनाए गए हैं।
होशियारपुर के टांडा में ब्यास नदी में एक व्यक्ति, जैला, की बाढ़ में डूबने से मौत हो गई, जो दूसरों को बचाने के लिए पानी में उतरा था। पठानकोट में सुजानपुर, मलिकपुर, और बुद्धा नगर जैसे क्षेत्र जलमग्न हैं, और कठुआ-पठानकोट पुल पर यातायात बंद है।

मुख्यमंत्री का दौरा और राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री भगवंत मान गुरुवार को फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित गांव बरेके का दौरा करेंगे और राहत कैंप में लोगों से मिलेंगे। बुधवार को उन्होंने गुरदासपुर और पठानकोट का दौरा किया और अपना हेलिकॉप्टर राहत कार्यों के लिए छोड़ दिया। मान ने बाढ़ प्रबंधन के लिए एक समिति गठित की है, जिसमें मंत्री डॉ. बलजीत सिंह, गुरमीत सिंह खुडियां और बरिंदर कुमार गोयल शामिल हैं। उन्होंने नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी और प्रभावितों को मुआवजा देने का वादा किया है। स्कूलों को 30 अगस्त तक बंद रखने का ऐलान भी किया गया है।

किसानों की चिंता और बुनियादी ढांचे को नुकसान
कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र में धुसी बांध के अंदर बने अस्थायी बांध टूटने से 30-35 गांवों की हजारों एकड़ फसलें डूब गईं। किसानों ने 2023 की बाढ़ में मुआवजे की देरी पर नाराजगी जताई और स्थायी समाधान की मांग की। फिरोजपुर के मुहार खीवा और मुहार जमशेर जैसे गांवों में फसलों के साथ पशुओं का चारा भी बर्बाद हो गया है। रावी पर बना रेलवे पुल और कई नहरें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे यातायात और सिंचाई प्रभावित हुई है।

मौसम की चेतावनी और प्रशासन की तैयारी
मौसम विभाग ने 29 अगस्त से 1 सितंबर तक फिर भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (1800-180-1852, 01874-266376) जारी किए हैं और नदियों के किनारे बसे लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। एनजीओ और स्थानीय संगठन राशन व दवाइयां बांट रहे हैं।

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