
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को लखनऊ की MP-MLA विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए। यह मामला उनकी भारत जोड़ो यात्रा (सितंबर 2022-जनवरी 2023) के दौरान भारतीय सैनिकों पर कथित तौर पर अमर्यादित टिप्पणी से संबंधित है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ जारी समन को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में हाजिर होना पड़ा।
शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव, जो सीमा सड़क संगठन (BRO) के पूर्व निदेशक और सेना में कर्नल के समकक्ष रैंक के अधिकारी हैं, ने दावा किया कि राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2022 को लखनऊ में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। राहुल ने कथित तौर पर कहा था, “लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में सवाल पूछेंगे, लेकिन कोई भी यह नहीं पूछेगा कि चीन ने 2000 वर्ग किमी भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया, 20 भारतीय सैनिकों को मारा, और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों को पीट रहा है। भारतीय प्रेस इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछता।” यह बयान 9 दिसंबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के संदर्भ में था।
श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में कहा कि राहुल के बयान “झूठे और आधारहीन” थे, जिनका उद्देश्य सेना का मनोबल तोड़ना और जनता का विश्वास कम करना था। उन्होंने इसे “बुरे इरादे” से दिया गया बयान बताया। 12 दिसंबर 2022 को सेना ने आधिकारिक बयान में कहा था कि तवांग झड़प में दोनों पक्षों को मामूली चोटें आई थीं।
कानूनी प्रक्रिया
लखनऊ की विशेष MP-MLA कोर्ट ने 11 फरवरी 2025 को शिकायत का संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500 (मानहानि) के तहत समन जारी किया और 24 मार्च 2025 को पेश होने का आदेश दिया। राहुल ने इस समन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 29 मई 2025 को जस्टिस सुभाष विद्यार्थी ने उनकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, “संविधान का अनुच्छेद 19(1)(a) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों के अधीन है और इसमें सेना या किसी व्यक्ति के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने की छूट शामिल नहीं है।” कोर्ट ने यह भी माना कि शिकायतकर्ता श्रीवास्तव CrPC की धारा 199(1) के तहत “पीड़ित व्यक्ति” हैं, क्योंकि वे सेना के प्रति सम्मान रखते हैं और बयान से आहत हुए।
राहुल के वकील प्रशु अग्रवाल ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और शिकायतकर्ता सेना का अधिकारी नहीं है, इसलिए उनके पास शिकायत का आधार नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया और निचली अदालत के समन को “न्यायसंगत और तथ्यों पर आधारित” माना।
कोर्ट में पेशी और आगे की कार्रवाई
राहुल गांधी मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अविनाश पांडे ने उनका स्वागत किया। वे सीधे MP-MLA कोर्ट में पेश हुए, जहां उनके वकील ने जमानत की अर्जी दी। कोर्ट ने उनकी जमानत मंजूर कर ली, और अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी। राहुल के वकील ने कहा कि वे निर्दोष हैं और यह मामला राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने व्यापक राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। BJP ने राहुल के बयान को “राष्ट्र-विरोधी” और “सेना का अपमान” बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरकार की आलोचना का हिस्सा करार दिया। BJP नेताओं, जैसे गिरिराज सिंह और मनोहर लाल खट्टर, ने राहुल से माफी की मांग की। एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि राहुल का बयान “पाकिस्तान के इशारे पर” था, हालांकि यह केवल राजनीतिक बयानबाजी प्रतीत होती है और इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।
राहुल गांधी को जमानत मिल चुकी है, और मामला अब लखनऊ की निचली अदालत में सुनवाई के लिए आगे बढ़ेगा। कोर्ट इस बात की जांच करेगी कि क्या राहुल का बयान वास्तव में मानहानिकारक था और क्या इसका सेना के मनोबल पर असर पड़ा। यह मामला राहुल के खिलाफ चल रहे अन्य मानहानि मामलों, जैसे वी.डी. सावरकर और अमित शाह पर टिप्पणियों से संबंधित मामलों, के साथ जुड़ गया है, जिससे उनकी कानूनी चुनौतियां बढ़ गई हैं।