
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक स्कूल शिक्षक, रजनीश गंगवार, द्वारा कांवड़ यात्रा पर आधारित कविता पढ़ने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस कविता को हिंदू संगठनों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया, जिसके बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) इंटर कॉलेज, बहेरी, बरेली में कार्यरत शिक्षक रजनीश गंगवार ने शनिवार को स्कूल की प्रभात सभा में अपनी स्वरचित कविता “तुम कांवड़ लेने मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना” पढ़ी। कविता में शिक्षा को धार्मिक अनुष्ठानों से ऊपर रखने का संदेश दिया गया था, जिसमें पंक्तियां थीं, “कांवड़ लेकर कोई SP या DM नहीं बना है” और “मानवता की सेवा करके तुम सच्चे मानव बन जाना।” इस कविता का एक 26 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद हिंदू संगठनों, जैसे महाकाल सेवा समिति और कांवड़ सेवा समिति, ने इसे कांवड़ यात्रियों का अपमान बताते हुए कड़ा विरोध जताया।
हिंदू संगठनों का विरोध और FIR
हिंदू संगठनों ने तर्क दिया कि सावन माह में 11 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा के दौरान, जब लाखों शिवभक्त गंगा से जल लाकर शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस यात्रा का समर्थन कर रहे हैं, तब स्कूल परिसर में ऐसी कविता पढ़ना उत्तेजक और अस्वीकार्य है। स्थानीय BJP नेताओं और एक पार्षद ने भी इसकी शिकायत पुलिस से की। इसके बाद, बहेरी थाने में सोमवार रात को रजनीश गंगवार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) (झूठी सूचना, अफवाह या उत्तेजक बयान) के तहत FIR दर्ज की गई। बहेरी सर्कल ऑफिसर अरुण कुमार सिंह ने पुष्टि की कि शिक्षक ने स्कूल के प्रांगण में छात्रों के सामने कांवड़ यात्रा पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
स्कूल प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
स्कूल के प्रिंसिपल अशोक कुमार गंगवार ने बताया कि वह उस समय दो दिन की छुट्टी पर थे, और यह घटना शनिवार को एक स्कूल गतिविधि के दौरान हुई। उन्होंने शिक्षक से स्पष्टीकरण मांगा है। पुलिस ने कहा कि वीडियो की प्रामाणिकता और इसके प्रसार की जांच की जा रही है। बरेली के DIG अजय साहनी ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए जिले में 6,000 पुलिसकर्मी, 26 PAC प्लाटून, और एक RAF कंपनी तैनात की गई है ताकि शांति बनाए रखी जाए।
कांवड़ यात्रा और संवेदनशीलता
कांवड़ यात्रा, जो सावन माह में 11 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलती है, उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु हरिद्वार, गौमुख, और गंगोत्री से गंगाजल लाकर शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। हाल के वर्षों में कांवड़ यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे बरेली में “मैं हिंदू हूं” पोस्टर विवाद। इस संदर्भ में, रजनीश गंगवार की कविता को कुछ संगठनों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला माना।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
कविता को कुछ लोग शिक्षा और मानवता को बढ़ावा देने वाला संदेश मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताते हैं। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने व्यापक बहस छेड़ दी है, जिसमें कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या शिक्षा को प्राथमिकता देने का संदेश देना गलत है। एक एक्स पोस्ट में कहा गया, “क्या अडानी, अंबानी या अमित शाह का बेटा कांवड़ यात्रा पर जाता है? क्या वे हिंदू नहीं हैं?” दूसरी ओर, हिंदू संगठनों ने मांग की है कि शिक्षक माफी मांगे, अन्यथा वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वर्तमान स्थिति
रजनीश गंगवार के खिलाफ कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, और जांच जारी है। स्कूल प्रशासन ने इस मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। बरेली में पहले से ही कांवड़ यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं, जैसे जोगी नवादा विवाद और हिंदू महासभा द्वारा दुकानों पर “मैं हिंदू हूं” पोस्टर लगाने की घटना, माहौल को संवेदनशील बना चुकी हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।