उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रांडोवाला गांव में 24 जून की रात एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां गृह क्लेश के चलते दंपती ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इस दुखद हादसे में पत्नी त्रिवेणी (28) की मौके पर मौत हो गई, जबकि पति शुभम (30) को गंभीर हालत में बिजनौर के एक निजी अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है।

दंपती के दो मासूम बच्चे—चार वर्षीय बेटा और डेढ़ वर्षीय बेटी—पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यह घटना पारिवारिक विवादों और मानसिक तनाव की गंभीरता को उजागर करती है।
बिजनौर कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के रांडोवाला गांव में मंगलवार रात शुभम और त्रिवेणी के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ। पड़ोसियों के अनुसार, दंपती के बीच छोटी-मोटी नोकझोंक पहले भी होती थी, लेकिन इस बार विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों ने रात करीब 11 बजे अपने घर के एक कमरे में कुंदे से रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। देर रात तक कमरे से कोई आवाज न आने पर परिजनों को शक हुआ। दरवाजा तोड़ने पर त्रिवेणी का शव फंदे से लटका मिला, जबकि शुभम बेहोश था।
परिजनों ने तुरंत शुभम को फंदे से उतारा और उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। त्रिवेणी को मृत घोषित कर दिया गया, और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, शुभम की हालत अत्यंत नाजुक है, और अगले 48 घंटे उसके लिए महत्वपूर्ण हैं।
त्रिवेणी, मूल रूप से बिजनौर के ही सुनपता गांव की रहने वाली थीं, और उनकी शादी छह साल पहले (2019) शुभम से हुई थी। शुभम खेती और मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था। दंपती के दो बच्चे—चार वर्षीय बेटा और डेढ़ वर्षीय बेटी—अब दादा-दादी की देखरेख में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि शुभम और त्रिवेणी का वैवाहिक जीवन सामान्य था, लेकिन हाल के महीनों में उनके बीच तनाव बढ़ गया था। विवाद का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच में आर्थिक तंगी और पारिवारिक दबाव की बात सामने आई है।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही कोतवाली देहात पुलिस मौके पर पहुंची। CO अंजनी कुमार चतुर्वेदी, SP ग्रामीण राम अर्ज, और थाना प्रभारी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351(4) (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्रारंभिक जांच शुरू की है, हालांकि अभी कोई औपचारिक FIR दर्ज नहीं की गई। पुलिस ने कमरे से रस्सी, कुंदा, और अन्य सामान जब्त किए हैं, और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए। CO ने बताया कि शुभम के होश में आने के बाद पूछताछ से विवाद का कारण स्पष्ट हो सकता है।
परिवार और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
त्रिवेणी के मायके वाले सुनपता गांव से रांडोवाला पहुंचे, जहां माहौल गमगीन है। त्रिवेणी के पिता वीरेंद्र कुमार ने कहा, “मेरी बेटी खुश थी। हमें नहीं पता कि ऐसा क्या हुआ कि उसने यह कदम उठाया।” शुभम के बड़े भाई ने बताया कि दोनों के बीच रात में झगड़ा हुआ था, लेकिन किसी को इतने बड़े कदम की आशंका नहीं थी। गांव के बुजुर्ग रामपाल ने कहा, “दो मासूम बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। सरकार को उनके लिए कुछ करना चाहिए।”
बच्चों का भविष्य
दंपती के चार वर्षीय बेटे और डेढ़ वर्षीय बेटी की देखभाल फिलहाल शुभम के माता-पिता कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सुदेश त्यागी ने कहा, “इन बच्चों के लिए शिक्षा और आर्थिक सहायता की जरूरत है।” स्थानीय प्रशासन ने बच्चों की काउंसलिंग और सहायता के लिए बाल कल्याण समिति को पत्र लिखा है।
आगे की जांच
पुलिस शुभम के ठीक होने का इंतजार कर रही है ताकि पूछताछ से विवाद का सटीक कारण पता चल सके। SSP नीरज जादौन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि पारिवारिक विवादों को पंचायत या काउंसलिंग के जरिए सुलझाएं।