मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों पर बात की , और इसके वैश्विक महत्व पर जोर दिया।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों पर बात की , इसके वैश्विक महत्व पर जोर दिया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिंहस्थ कुंभ के मद्देनजर पूरे मालवा क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के लिए बुनियादी सुविधाएं विकसित करने और सभी कार्य समय-सीमा में पूरे करने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “सिंहस्थ सिर्फ मध्य प्रदेश का नहीं , बल्कि पूरे विश्व का गौरव है। इसलिए विस्तृत योजना बनाने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है तथा इस आयोजन और इसकी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए पहले से ही काम चल रहा है। सिंहस्थ मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक हिंदू धार्मिक मेला है । इसे उज्जैन सिंहस्थ कुंभ के नाम से भी जाना जाता है और पिछला सिंहस्थ 2016 में आयोजित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाएगा और सभी संतों, अखाड़ों और सामाजिक संगठनों के लिए पर्याप्त तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन को धार्मिक नगरी बनाने की बड़ी योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “सभी की इच्छा है कि जैसे लोग हरिद्वार और प्रयागराज में मां गंगा में पवित्र स्नान करते हैं, वैसे ही यदि कोई उज्जैन आता है तो उसे क्षिप्रा नदी में भी डुबकी लगानी चाहिए। इसलिए राज्य सरकार ने यह व्यवस्था की है कि आने वाले दिनों में सभी श्रद्धालु क्षिप्रा नदी के जल से ही डुबकी लगाएंगे। सिंहस्थ के दौरान भी पवित्र स्नान क्षिप्रा नदी के जल से ही किया जाएगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्षिप्रा नदी की स्वच्छता और उसके प्रवाह को सुनिश्चित करेगी। क्षिप्रा नदी के गौरव और गरिमा को बनाए रखने तथा उज्जैन की पवित्रता को बढ़ाने के लिए हर संभव व्यवस्था की जाएगी ।