
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025, 4 अप्रैल को संसद द्वारा पारित किया गया था और अगले दिन 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी। कार्यवाही के दौरान, अदालत ने केंद्र से पूछा कि क्या मुसलमानों को हिंदू धार्मिक ट्रस्टों का हिस्सा बनने की अनुमति दी जाएगी। अब तक, अधिनियम के खिलाफ लगभग 72 याचिकाएँ दायर की गई हैं, जिनमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलमा-ए-हिंद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद शामिल हैं।