सोनम वांगचुक और अन्य कार्यकर्ताओं की रिहाई के बाद फिर से गिरफ़्तारी, मांगो को लेकर की भूख हड़ताल

लेह एपेक्स बॉडी द्वारा भूख हड़ताल का आयोजन किया गया है, जो पिछले चार वर्षों से कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और अन्य मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है।

क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को मंगलवार देर रात रिहा किए जाने के कुछ ही देर बाद लद्दाख के 150 निवासियों के साथ दिल्ली पुलिस ने फिर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस थानों से जाने की अनुमति दिए जाने के बाद, वांगचुक और अन्य लोगों ने दिल्ली की ओर मार्च करने पर जोर दिया, जिसके कारण उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया। वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक महीने से ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ का नेतृत्व कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि समूह को जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने तितर-बितर होने से इनकार कर दिया, जिसके कारण उन्हें दूसरी बार गिरफ़्तार किया गया। वे अभी भी पुलिस थानों में अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं।

दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि वांगचुक को कुछ अन्य लोगों के साथ बवाना पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य लोगों को नरेला औद्योगिक क्षेत्र, अलीपुर और कंझावला पुलिस स्टेशनों में हिरासत में रखा गया है। वांगचुक और उनके साथ आए अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघू सीमा पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया, जब वे अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।

लेह एपेक्स बॉडी द्वारा भूख हड़ताल का आयोजन किया गया है, जो पिछले चार वर्षों से कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और अन्य मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है। मंगलवार को प्रदर्शनकारी समूह के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अगर दिल्ली पुलिस उन्हें बुधवार को गांधी स्मृति जाने की अनुमति नहीं देती है, तो वे रिहा होने के बाद भी पुलिस थानों के बाहर बैठे रहेंगे।

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