योगी सरकार की नई पहल का असर, वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज योजना का प्रभावी असर दिखना शुरू हो गया है, चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से कराए गए एक सर्वे में यह बातें सामने आई हैं। दरअसल, एक सर्वे के अनुसार प्रदेश के जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज की सुविधा शुरू हो गयी है वहां पर स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार आया है।
यह सर्वे दो चरणों में ओपीडी फुटफॉल, आईपीडी प्रवेश, सीजेरियन (एलएससीएस) और मेजर सर्जरी पर आधारित था, जिसमें मेडिकल कॉलेज के शुरू हाेने से पहले और बाद की स्थितियों का आंकलन किया गया। सर्वे रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इन कॉलेज के शुरू होने से राजधानी के केजीएमयू, एसपीजीआई समेत बड़े प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का भार कम हुआ है।
यह सर्वे दो चरणों में ओपीडी फुटफॉल, आईपीडी प्रवेश, सीजेरियन (एलएससीएस) और मेजर सर्जरी पर आधारित था, जिसमें मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से पहले और बाद की स्थितियों का आंकलन किया गया। सर्वे रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि इन कॉलेजों के शुरू होने से राजधानी के केजीएमयू, एसपीजीआई समेत बड़े प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का भार कम हुआ है।
बहराइच, देवरिया और हरदोई में ओपीडी सेवाओं को लेकर हुए सर्वे के अनुसार, यहां पर मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से पहले ओपीडी में मरीजों का फुटफॉल सालाना 5 लाख रहता था. वहीं, यहां पर मेडिकल कॉलेज की सुविधा शुरू होने से ओपीडी में रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि यहां के स्थानीय मरीजों का राजधानी की रूख पहले से कम हुआ है. सर्वे के अनुसार देवरिया में जहां अपने ओपीडी में सालाना पांच लाख से कम मरीज दिखाने के लिए आते थे तो वहीं मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से यहां पर ओपीडी सेवा का लाभ 5.30 लाख से अधिक मरीजों ने उठाया है.