
गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी का अभी से कुनबा बिखरने लगा है। भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने आम आदमी पार्टी से नाता तोड़ लिया है। बीटीपी ने AAP के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अनदेखी का आरोप लगाया है. इसी के साथ बीटीपी नेता छोटूभाई वासवा ने अपने दम पर पार्टी की मजबूती के लिए काम शुरू कर दिया है.

गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जोर आजमा रही आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। करीब 4 महीने पहले ‘आप’ के साथ गठबंधन का ऐलान करने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अब गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी है। BTP नेता छोटूभाई वसावा ने खुद ‘आप’ से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया तो यह भी साफ किया कि वह बीजेपी के साथ नहीं जा रहे हैं।
आदिवासी इलाकों में अच्छा पकड़ रखने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी ने ऐसे समय पर इसकी घोषणा की है जब ‘आप’ के राष्ट्रीय संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुजरात में ही हैं। बीटीपी नेता छोटूभाई वसावा ने खुद ‘आप’ से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया तो यह भी साफ किया कि वह बीजेपी के साथ नहीं जा रहे हैं।
बीटीपी ने क्यों तोड़ा गठबंधन?
बीटीपी ने गठबंधन तोड़ते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन जारी रहने पर उसके संगठन को नुकसान हो सकता था। कहा गया है कि पार्टी की छवि खराब हो रही थी और उनकी पार्टी को तोड़ने का भी प्रयास किया जा रहा था। वसावा ने कहा कि ‘आप’ की ओर से उसके नेताओं को तोड़ने का प्रयास किया गया। वसावा ने दावा किया कि ‘आप’ ने उनके काडर और नेताओं को तोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने यह भी कहा कि हार हो या जीत उनकी पार्टी अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। 2017 में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने वाली बीटीपी को दो सीटों पर जीत मिली थी। गुजरात और मध्य प्रदेश में भी अपनी मौजूदगी रखने वाली पार्टी का कहना है गुजरात में उसके करीब 5 लाख सक्रिय सदस्य हैं। पार्टी की कई ऐसी सीटों पर अच्छी पकड़ है, जहां आदिवासी मतदाताओं की संख्या अधिक है। गौरतलब है कि गुजरात की कुल आबादी में आदिवासियों की करीब 14.8 फीसदी हिस्सेदारी है और 27 सीटें अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
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