सिर्फ कोहली के भरोसे टीम इंडिया कैसे देगी वेस्टइंडीज को टक्कर?
एजेन्सी/टी-20 विश्व कप से पहले भारत ने ऑस्टे्रलिया को उसी की जमीं पर 3-0 से धोया। फिर एशिया कप भी जीतकर खुद को विश्वकप का दावेदार साबित किया। पर असली परीक्षा तो विश्व कप में ही होनी थी। और यह हुई भी जब पहले ही मैच में न्यूजीलैंड के हाथों पूरी टीम 72 रन पर ढेर हो गई। लगा यह टीम इंडिया कैसे विश्वकप जीतेगी। पहले ही मैच में घर में ढेर हो गए। पर एक ‘शेर’ था, जो जीतना जानता है। हार के जबड़े से जीत को खींचना जानता है। नाम है विराट कोहली। लगातार तीनों मैचों में विराट का बल्ला जमकर गरजा और हम सेमीफाइनल में पहुंच गए। पर अकेले कोहली के दम पर जीत के सिलसिले ने सवाल कहीं बड़ा खड़ा कर दिया कि क्या एक खिलाड़ी के दम पर ही हम विश्व चैंपियन होने का ख्वाब देखें या बाकी खिलाड़ी भी इस ख्वाब को हकीकत बनाए…
क्रिकेट का सबसे बड़ा खिलाड़ी कौन? ये बहस जब से क्रिकेट शुरू हुई है तब से जारी है और शायद कभी खत्म भी नहीं होगी। कभी सर डॉन ब्रेडमैन से सचिन तेंदुलकर की तुलना हुई तो अब विराट कोहली की तुलना सचिन से हो रही है। लेकिन जो महानतम है वो शायद अतुलनीय भी। सचिन ने टेस्ट में सबसे ज्यादा रन और शतक का रिकॉर्ड जरूर बनाया लेकिन औसत में वो ब्रेडमैन से बहुत दूर रहे और यहीं से ये बहस भी शुरू हुई कि क्या दो अलग समय के बल्लेबाजों की तुलना सही है? और इसका जवाब सचिन ने ही दिया वो भी क्रिकेट के मैदान पर ही लेकिन रंगीन कपड़ों में। जी, हां वनडे क्रिकेट में सचिन ने वो मुकाम हासिल किया जो टेस्ट में सर डॉन ब्रेडमैन का रहा। यानी उस शिखर पर पहुंचे जहां पहुंचना दूसरे बल्लेबाजों के लिए नामुमकिन नजर आता है।
बने नए बादशाह
सचिन ने वनडे में 18 हजार से ज्यादा रन और 49 शतक लगाकर ऐसी लकीर खींच दी है जिसके करीब भी पहुंचना नामुमकिन नजर आता है। लेकिन, तेंदुलकर की बादशाहत को चुनौती देने के लिए भारत से बाहर कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि उनको अपना आदर्श मानने वाले कोहली ही हैं। जिस खिलाड़ी को सचिन के रिकॉर्ड को तोडऩे का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है उसके सामने क्रिकेट का एक और फॉर्मट आ गया है और वो है टी-20 क्रिकेट। टेस्ट और वनडे में सिर्फ पारियों को ही जोड़कर सचिन और विराट की तुलना हो सकती है। लेकिन टी-20 फॉर्मेट में विराट जिस शिखर की तरफ बढ़ रहे है उसको छूना दुनिया के किसी और क्रिकेटर के बस की बात नजर नहीं आती है। टी-20 में विराट कोहली सबसे कम 39 पारियों में 1500 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज हैं। टी-20 में विराट के सबसे ज्यादा 15 अर्धशतक हैं और सबसे ज्यादा 55.42 का औसत। और लक्ष्य का पीछा करते हुए तो विराट ने इतिहास रच दिया है और टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर बन कर उभरे हैं। टी-20 में बाद में बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 19 पारी में 918 रन। और इसमे से 15 मैचों में जब भारत जीता तो विराट का औसत 122 के पार है वो भी 8 अर्धशतकों के साथ।
दिग्गजों ने माना लोहा
मोहाली में कोहली की शानदार 82 रनों की पारी ने दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वार्न को सचिन तेंदुलकर की यादें ताज़ा करा दी। एक और पूर्व कप्तान इयान चैपल ऐसे मजबूर हुए कि उन्होंने कोहली को आधुनिक युग में ब्रायन लारा से भी बेहतर प्लेसमेंट करने वाला बल्लेबाज बताया। टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान और पूर्व मुख्य चयनकर्ता कृष्णामाचारी श्रीकांत का कहना है कि- ‘अलग अलग दौर के महानतम खिलाडिय़ों की तुलना सही नहीं है। मैं तेंदुलकर और कोहली की आपसी तुलना इसलिए नहीं करना चाहता कि तेंदुलकर ने करीब 25 साल क्रिकेट खेली है और आप कोहली को 10 साल तो पहले पूरे करनें दें। हां, इतना जरूर कहूंगा कि अपने जीवन में मैंने कोहली जैसा कोई दूसरा खिलाड़ी नहीं देखा जिसने अपने खेल में इतने कम समय में इतने ज़्यादा सुधार किए।Ó बहरहाल, अगर कुछ देर के लिए ब्रैडमैन को इस विषय से हटा दें और बात सिर्फ आधुनिक युग के शानदार खिलाडिय़ों की करें तो आंकड़े दिलचस्प कहानी बयां करते हैं। अगर आप 171 वन-डे मैचों के बाद (जितने अब कोहली ने खेले हैं) की तुलना तेंदुलकर, लारा और रिकी पोंटिग से करें तो दिल्ली का ये दिलेर हर मामले में इन दिग्ग्जों पर भारी पड़ता है। कोहली ने अब तक वन-डे और टी20 कॅरियर में खुद को महानतम खिलाडिय़ों की तरह पेश किया है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वो फिलहाल पीछे चल रहे हैं। बहरहाल, इस समय कोहली के पास एक शानदार मौका है वो करने का जो तेंदुलकर ने आज से 5 साल पहले किया।
हमारे पांच सितारे
विराट कोहली
बड़ी पारी खेलने में माहिर। अपने बूते मुश्किल मैच को जिताने की कुव्वत है। अभी टीम इन्हीं पर निर्भर।
महेंद्र सिंह धोनी
बांग्लादेश के खिलाफ शानदार रणनीति अंजाम देकर जीत दिलाई। इंडीज के खिलाफ मैच पर नजर।
हार्दिक पंड्या
बांग्लादेश के खिलाफ अंतिम ओवर में बढिय़ा बोलिंग की। मध्यम क्रम में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी में सक्षम। दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर ने गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी कमाल दिखाया। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध रन दिए।
बुमराह
अपरंपरागत एक्शन से यॉर्कर लेंग्थ फेंकने में माहिर तेज गेंदबाज। ऑस्ट्रलिया के विरुद्ध रन दिए पर अब तक प्रभावी।
इन पांच से मुकाबला
क्रिस गेल
टीम इन्हीं पर निर्भर है। छक्के-चौकों के बादशाह हैं। अकेले मैच का रुख पलट देते हैं। पर प्रदर्शन में निरंतरता नहीं।
मर्लोन सैमुएल्स
इंडीज का ये भरोसेमंद बल्लेबाज लीग मैचों में हाथ दिखा चुका है। गेंदबाजी और फील्डिंग भी अच्छी।
ड्व्रेन ब्रावो
मध्यमक्रम के इस शानदार आलराउंडर ने वल्र्ड कप में अच्छे हाथ दिखाए हैं। डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी।
सैमुएल बदरी
इस लेग स्पिनर के पास लंबा अनुभव है और स्$िकड करती सटीक गेंदों से टी-20 में बल्लेबाजों के लिए बड़ा खतरा।
आंदे्र रसेल
दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज को भारतीय पिचों का अनुभव है। मध्यक्रम में बल्लेबाजी भी कर लेता है।