पेट्रोलियम उत्पादों की किमतों में वृद्धि से टैक्सी चलाक परेशान, सरकार को लिखा पत्र
(अराधना)
महंगाई ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। पेट्रोल, डिजल के बढ़ती किमतों ने लोगों की जेब ढीली कर दी है। स्कूल से लेकर ऑफिस जाना हो या बाजार में कुछ खरीदने सभी को पहले से ज्यादा किराया भरना पड़ता है। वहीं सीएनजी के दामों में वृद्धि होने पर स्कूल कैब चालकों ने भी बच्चों को स्कूल परिवहन का किराया बढ़ा दिया है।
ऐसा ही एक मामला मौजपूर गांव से सामने आया है। इस गांव में रहने वाले नवीन ने बताया कि उनका बेटा कड़कड़डूमा स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ता है। नवीन के अनुसार पहले उनके बेटे की स्कूल की वाहन शुल्क 2000 रुपये थी, लेकिन सीएनजी के दामों में वृद्धि के बाद शुल्क बढ़ाकर 2800 रुपये कर दी गई है। जिसके बाद उन्होने खुद अपने बच्चे को स्कूल ले जाने और ले आने का फैसला किया है। लगभग सात किलोमीटर के लिए 800 रुपये किराया बढ़ाया गया है।
सीएनजी के दामों में 15 रुपये से अधिक की बढ़ोतरी
स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र ने कहा कि 15 मार्च को स्कूल ट्रांसपोर्ट की फीस में प्रति बच्चे के हिसाब से 500 बढ़ाकर 2500 किया था। उस वक्त सीएनजी की कीमत 65 रुपये थी। अब तक CNG के कीमतों में 15 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है, जिसके बावजूद जनता की समस्या को ध्यान में रखते हुए अभी तक स्कूल फीस नही बढ़ाई गई है। उन्होने कहा हम लोग ऑटो- टैक्सी यूनियन की तरफ से 18 अप्रैल को की जा रही हड़ताल का समर्थन करते हैं और हमारी यूनियन के पदाधिकारी सभी सीएनजी पंपों पर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक प्रदर्शन भी करेंगे।
15 से 20 तक माल ढुलाई महंगी हो चुकी है
पेट्रोलियम उत्पाद की लगातार बढ़ती कीमतों की वजह से माल ढुलाई की कीमतें भी प्रभावित होती है। अभी तक करीब 15 से 20 तक माल ढुलाई महंगी हो चुकी है। अगर ये सिलसिला जारी रहा तो उससे कीमतों पर भी व्यापक असर पड़ेगा, जिससे पूरा ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री भी प्रभावित होगा। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महामंत्री नवीन गुप्ता ने कहा हमने इसको लेकर केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है।
18 अप्रैल को ऑटो-कैब यूनियन की हड़ताल
यूनियन का कहना है कि सीएनजी व अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ने से खर्च निकाला मुश्किल हो रहा है। इसलिए सीएनजी पर वैट कम किया जाए। पेट्रोल-डीजल और सीएनजी की बढ़ती कीमतों के विरोध में टैक्सी ऑटो रिक्शा ड्राइवर संघर्ष समिति , ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन समेत अन्य संगठन 18 और 19 अप्रैल को हड़ताल पर रहेंगे। इसके साथ ही ऐप आधारित कैब संचालित करने वाली कंपनियों से जुड़ी यूनियनों का कहना है कि मल्टी नेशनल कंपनियां भारी कमीशन लेती है। ऊपर से सीएनजी के दाम ज्यादा होने की वजह से टैक्सी चलाना मुश्किल हो गया है। इसलिए सीएनजी के दामों में कमी के साथ ऐप आधारित टैक्सी के दामों को सरकार की तरफ से निर्धारित किया जाए। इन तमाम मांगों को लेकर यूनियन हड़ताल पर जा रही हैं।