महाशिवरात्रि पर चार पहर होगी शिवजी की पूजा, जानें पूजा का सही समय

(कोमल)

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 01 मार्च यानी यानी आज है। इस बार महाशिवरात्रि पर पंच ग्रहों के योग का महासंयोग और दो महाशुभ योग बन रहे हैं। साथ ही अबकी बार केदार योग और गुरु आदित्य योग भी बन रहा है। शिवरात्रि के एक दिन पहल यानी 28 फरवरी को सोमवार और इसी दिन सोम प्रदोष व्रत रहेगा। आज महाशिवरात्रि और 2 मार्च को अमावस्या तक विशेष पूजन अनुष्ठान होंगे।

महाशिवरात्रि पर बेहद दुर्लभ संयोग

ज्योतिषों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर इस बार दुर्लभ संयोग रहे हैं। मंगलवार को मकर राशि में शुक्र, मंगल, बुध, चंद्र, शनि के संयोग के साथ ही केदार योग और गुरु आदित्य योग का संयोग बन रहा है. यह योग पूजा, उपासना के लिए विशेष कल्याणकारी है। इस योग में महादेव का पूजन-अर्चन श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत फलदाय होगा। इस दिन व्रत, पूजन के साथ जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान विधि-विधान से किया जाएगा। शिव पूजन का संयोग 28 फरवरी यानी सोमवार को प्रदोष से शुरू होगा।

2 मार्च की रात 1 बजे तक चतुर्दशी

शिवरात्रि चतुर्दशी तिथि 1 मार्च की सुबह 3:16 मिनट से 2 मार्च की सुबह 1 बजे तक रहेगी। शिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिधि नामक योग बन रहा है। और इस योग के बाद शतभिषा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं, परिधि योग के बाद से शिव योग शुरू हो जाएगा। परिधि योग के बाद से शिव योग शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही शिव पूजन के समय केदार योग रहेगा।

चारों पहर में होगी भगवान शिव की पूजा

महाशिवरात्रि को लेकर हर जगह तैयारियां शुरू हो गई हैं और इस दिन भगवान शिव की चारों पहर पूजा की जाएगी। मान्यता है कि ऐसा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है।

-महाशिवरात्रि पर पहले पहर की पूजा मंगलवार को शाम 6:21 से 9:27 तक

-दूसरे पहर की पूजा रात्रि 9:27 से 12:33 तक

-तीसरे पहर की पूजा बुधवार को रात्रि 12:33 से सुबह 3:39 तक

-चौथे पहर की पूजा सुबह 3:39 से 6:45 तक होगी।

-व्रत का समापन का समय बुधवार को सुबह 6:45 बजे तक रहेगा।

LIVE TV