फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में लाखों की गड़बड़ी, चोरी हुए दस्तावेज मिला
(अमर सदाना)
महासमुन्द सामान्य वन मंडल में सबकुछ सामान्य नहीं है। यहां हाथी की आड़ में फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा के वितरण में घोटाला सामने आ रहा है। मामले में पड़ताल के बाद 21 जुलाई को तुमगांव सर्किल के महिला वनरक्षक रूपा चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया है।
अनाप-शनाप फर्जी प्रकरण बनाकर वन मंडल महासमुंद के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा वन मंडल की राशि का भारी मात्रा में दुरुपयोग किया गया है। इसके संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्य वन संरक्षक रायपुर द्वारा कई बार जांच हेतु जांच टीम गठित किया गया एवं वन महा निरीक्षक दिल्ली को भी शिकायत किया गया। जिनके बावजूद भी कार्यवाही न होना विभाग के अड़ियल रवैये को दर्शाता है। सामान्य वन मंडल महासमुंद से दस्तावेज एकाएक चोरी हो जाना संदेह को जन्म देता है। फाइल चोरी के संबंध में वन मंडल महासमुंद के वन मंडला अधिकारी को जवाब मांगे जाने पर दस्तावेज ऑफिस में ही गायब हो गई थी, जो हमें वापस मिल गई है कहके गैर जिम्मेदाराना बयान देकर खुद फसते नजर आ रहे है। आज पूरे वन मण्डल में अपनी साक बचाने छोटे कर्मचारियों को बली का बकरा बनाने जैसे आदत में सुमार है।
बता दें की वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में फर्जी फसल क्षतिपूर्ति मुआवजा में अनाप-शनाप प्रकरण बनाने व अपने नजदीकी रिस्तेदारों को दुगुना लाभ पहुचानें के संबंध में एकमात्र वनरक्षी रूपा चतुर्वेदी को बली का बकरा बनाते हुये निलंबित कर दिया गया। उपरोक्त संबंध में फसल क्षति मुआवजा प्रकरण दस्तावेज तैयार की गई, मूल्यांकन पत्र मूल्यांकन पत्रक की 552 प्रकरण फाइल ही चोरी क्यों और चोर को यह कैसे पता चला कि यह अलमारी में रखे दस्तावेज में इतनी ही दस्तावेज में फर्जीवाड़ा किया गया है। समस्त दस्तावेजों की हम वजन करें तो लगभग 80 से 100 किलोग्राम के बीच होती है और सिर्फ 552 प्रकरण फाइल ही चोरी क्यों? और वन्य प्राणी कक्षा में रखे 20000 प्रकरण से ज्यादा फाइल पड़ी हुई है और फाइल का एकाएक गायब हो जाना और ज्यों का त्यों फाइल वही अलमारी में वापस रहस्यमय तरीके दातावेज आकर रखा जाना कई संदेह को जन्म देता है।
इनमे से जिनको सबसे ज्यादा मुवावजा राशि दिया गया उसकी सूची –
वहीं हम बात करे तो 552 प्रकरण की फाइल की झटनी करने में कम से कम एक सामान्य आदमी को 1 हफ्ते का समय लगेगा लेकिन चोर द्वारा एक ही दिन में कुछ ही मिनटों में फाइल को चोरी करके ले जाया गया। यहां एक संदेह का विषय है इस पूरे मामला पर गौर करे तो वन मंडल के अधिकारी कर्मचारी संदेह के दायरे में हैं इस पर शासन प्रशासन द्वारा अब तक कोई कठोर कार्यवाही नहीं किया गया है, और ना ही इस संबंध में थाने में कोई एफ आई आर दर्ज की गई है।