“BJP जो कर रही है वह राजनीति नहीं है, बल्कि हताशा में की गई साज़िश है”: Sanjay Raut
उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार के 2 साल पूरे होने के मौके पर शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि, “राजनीति में झूठ हमेशा सफ़ल नहीं होता है। गत दो साल में ठाकरे (Thackeray) और उनकी सरकार को ‘बदनाम’ करने की तमाम कोशिशों के बावजूद मज़बूती से खड़े रहे। नवंबर 2019 में देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के भी 2 साल पूरे हो गए हैं।”
संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि “विपक्ष ने उनपर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। ठाकरे (Thackeray) ने स्तरहीन हमले का बहादुरी से सामना किया और अब भी मज़बूती से खड़े हैं। शिवसेना नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जबकि शरद पवार (Sharad Pawar) के जो नज़दीकी हैं उनपर आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं। भाजपा महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों, जो इस समय हड़ताल पर, उन्हें भड़का रही है, उसने अमरावती में भी दंगे भड़काए। भाजपा जो कर रही है वह राजनीति नहीं है बल्कि हताशा में की गई साज़िश है। ठाकरे (Thackeray) की छवि साफ़ है और वह जनता में लोकप्रिय हैं।”
राउत (Raut) ने कहा, “शरद पवार (Sharad Pawar) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ठाकरे (Thackeray) को खुली छूट दी है और कोई हस्तक्षेप नहीं है। भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन का एक भी विधायक नहीं तोड़ सकती। भाजपा को इस साल के शुरुआत में पंढरपुर उपचुनाव में जीत राकांपा की ‘गलती’ से मिली। लेकिन विपक्ष देगलुर विधानसभा उपचुनाव में अशोक चव्हाण (Ashok Chauhan) की रणनीति के आगे नहीं टिक सका। हाल में 13 राज्यों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।”
संजय राउत (Sanjay Raut) ने बताया कि “भाजपा राज्य पुलिस का मनोबल गिराने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ती। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने ठाणे के पुलिस प्रमुख रहते हुए कल्याण-डोम्बिवली नगर निगम चुनाव में भाजपा के लिए ‘कड़ी मेहनत’ की थी। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और अन्य बताएंगे कि उन्होंने (Parambir Singh) अन्य पार्टियों को तोड़ने और बाग़ियों को भाजपा के पाले में लाने की कितनी कोशिश की थी। देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार ने उन्हें पहले ठाणे का पुलिस आयुक्त और बाद में भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो का प्रमुख बनाया था। इससे स्पष्ट है कि परमबीर सिंह (Parambir Singh) द्वारा अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों के पीछे कौन हैं।”
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