
द्वारका कोर्ट द्वारा 18 सितंबर 2021 को भगौड़ा यानी पीओ डिक्लेयर किया गया शख़्स अजित उर्फ सौलंकी भेस बदलकर द्वारका इलाके में एक बाबा के रूप में रह रहा था, जिसे दिल्ली पुलिस ने एक गुप्त सूचना मिलने के बाद गिरफ़्तार कर लिया है। इसके खिलाफ जाफ़रपुर कला थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई थी।

द्वारका डीसीपी शंकर चौधरी ने अजित उर्फ सौलंकी को पकड़ने के लिए एक मुहिम की शुरुआत की थी। आज (19 नवंबर) मिली एक जानकारी के आधार पर उसे डाबर एनक्लेव, जाफ़रपुर कला से गिरफ्तार कर लिया गया। अजित बस कंडक्टर का काम करता था और शादी के बाद शराब की आदत ने इसकी शादीशुदा ज़िंदगी बर्बाद कर दी और इसकी पत्नी भी इसको छोड़कर चली गई। इसके बाद ये अवैध तरीके से शराब बेचने का काम करने लगा और 14 मई 2018 को इसके ख़िलाफ़ एक्साइज़ एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया। जिसको बाद वह दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग मंदिरों में बाबा बनकर रहने लगा और भगौड़ा साबित होने के बाद कोर्ट के सम्मन पर भी कोर्ट में पेश नही हुआ।
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