नई पहल : सरकारी टीचर ने कस्बे में शुरू की Street Library

ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से कस्बे निर्जुली की रहने वाली मीना गुरुंग ने एक नई पहल की शुरुआत की है. उन्होंने कस्बे में एक ऐसी लाइब्रेरी की शुरुआत की है जो लोगों की सोच से परे है. पेशे से सरकारी स्कूल में टीचर मीना गुरुंग ने इलाके में पढाई कर रहें छात्रों की सुविधा के लिए स्ट्रीट ‘स्ट्रीट लाइब्रेरी’ शुरू कर दी|

पाठकों पर काफी साकारात्मक असर पड़ रहा

लाइब्रेरी को शुरू हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं लेकिन इसका पाठकों पर काफी साकारात्मक असर पड़ रहा है. मीना अपने इस नए आईडिया की सफलता से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि किताबे पढ़ने से बौद्धिक विकास होता है और भाषा की अच्छी समझ विकसित होती है. लॉकडाउन की वजह से लोग अपने स्मार्टफोन तक सिमट कर रहे गए हैं जिसकी वजह से वे समय पर नींद न आना जैसी बीमारियों से घिर गए हैं|

मीना गुरुंग की इस लाइब्रेरी में ने केवल पाठ्यक्रम की किताबे मौजूद हैं बल्कि कहानियां, कविताओं के अलावा ऑटोबायोग्राफी भी हैं, जिसे हर उम्र का व्यक्ति पढ़ सकता है. इसके अलावा मीना ने इस बात की खुशी जाहिर है कि बिना किसी ताले के बावजूद किताबें चोरी नहीं हुई हैं. उनका कहना है कि ”अगर कभी ये किताबें चोरी हो भी जाएं तो मुझे खुशी होगी क्योंकि जो भी इसे चुराकर ले जाएगा, वो इसका इस्तेमाल पढ़ने के लिए ही करेगा|

मिजोरम की ‘मिनी वे साइड लाइब्रेरी’ से मिली प्रेरणा

स्ट्रीट लाइब्रेरी की प्रेरणा मीना को मिजोरम की ‘मिनी वे साइड लाइब्रेरी’ से मिली थी. उनकी एक दोस्त दीवांग होसाई ने इंग्लिश ऑनर्स से ग्रेजुएशन किया है, अपनी इसी दोस्त के साथ मिलकर उन्हें स्ट्रीट लाइब्रेरी शुरू करने का विचार आया था|

मीना की इस लाइब्रेरी से किताबें पढ़ने वाले लोगों में सबसे अधिक महिलाएं और टीनएजर्स हैं. गुरुंग ने ये महसूस किया है कि खुले स्थान में बैठकर किताबें पढ़ना टीनएजर्स को कम पसंद है इसलिए वे अब इन किताबों को घर ले जाने के लिए उधार भी देंगी. जिससे उनमें पढ़ने की आदात पैदा हो.

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