TRP रेटिंग्स पर बनी समिति ने पेश की अपनी रिपोर्ट, कहा- अधिक पारदर्शिता की जरूरत
TRP घोटाला सामने आने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा टीआरपी रेटिंग्स को लेकर बनाई गई समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। समीति के अनुसार टीआरपी में अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए और हेरफेर की संभावना को दूर करने के लिए जांच के दायरे का विस्तार करने की जरूरत है।
अब रिपोर्ट पर विचार करने के बाद मंत्रालय इसकी जांच करेगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी। उन्होने कहा कि इस रिपोर्ट को ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल(बार्क) को भी दी जाएगी और विस्तार से चर्चा की जाएगी।
Ministry had formed a committee on TRP ratings, on Nov 4, 2020. It submitted report today. Ministry will examine it & further action will be taken. Main issue is that there should be more transparency in TRP & base must be expanded to rule out chance of manipulation: I&B Minister pic.twitter.com/o1qs6Yuwe7
— ANI (@ANI) January 12, 2021
TRP मामले में बार्क के पूर्व सीईओ दासगुप्ता को नहीं मिली अंतरिम जमानत
मुंबई की एक सत्र अदालत ने सोमवार को ब्रॉडकास्ट आडिएंश रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। अदालत दासगुप्ता की जमानत याचिका पर निर्णय करने के लिए 15 जनवरी को अगली सुनवाई करेगी। दासगुप्ता ने जमानत का आग्रह करते हुए अपनी याचिका में अदालत से कहा कि उनकी उम्र 55 वर्ष हो गई है और वह मधुमेह एवं दूसरी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
उनके वकील शार्दूल सिंह ने सत्र अदालत के न्यायाधीश एम. ए. भोंसले से कहा कि अभियोजन के आरोप के मुताबिक दासगुप्ता के खिलाफ ठगी का अपराध नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि चूंकि मामले में आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र दाखिल हो चुका है इसलिए दासगुप्ता को जमानत पर बाहर जाने दिया जाना चाहिए और कहा कि मामले में कई सह आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है।