सोना तस्करी मामला: पूर्व सचिव शिवशंकर की उच्च न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत याचिका खारिज , प्रवर्तन निदेशालय ने लिया हिरासत में

बुधवार को निलंबित किये गए आईएएस अफसर एम शिवशंकर की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गयी। केरल उच्च न्यायालय ने ये फैसला सुनाया था। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवशंकर को तिरुअनंतपुरम के आयुर्वेद हॉस्पिटल से हिरासत में लिया गया है जहाँ वे भर्ती थी। इस मामले में शिवशंकर से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ जारी है। सोना के स्मगलिंग मामले में केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व सचिव और सस्पेंड किये गए आईएएस अफसर एम शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी।

एक दिन पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले के मुख्य आरोपी रबीन्स के हमीद को दुबई से गिरफ्तार किये जाने की जानकारी दी थी। जांच एजेंसी ने हमीद पर संयुक्त अरब अमीरात में तस्करी के पुरे ऑपरेशन का प्रबंधन का आरोप लगाया था।

इस मुद्दे पर विपक्ष ने मुख्यमंत्री विजयन पर भी तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद अब मुख्यमंत्री विजयन पर दबाव बढ़ा हुआ है। सोना तस्करी में शिवशंकर का नाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि पिछले दिनों शिवशंकर क्या कर रहे थे लेकिन तस्करी मामले में उनका नाम आ रहा है। विपक्ष के तरफ से उनके इस्तीफे की मांग पहले ही की जा चुकी है। सोना तस्करी में शिवशंकर का नाम आने के बाद उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। इसपर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय और कस्टम विभाग को उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि विपक्ष आईएएस अफसर शिवशंकर के साथ ही मुख्यमंत्री विजयन पर भी सोना तस्करी में शामिल होने का आरोप लग रहा है। हालांकि  मुख्यमंत्री ने इससे अपना दामन बचाते हुए कह दिया है कि मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

वहीँ इस तस्करी मामले में आरोपियों की लम्बी लिस्ट है। इसमें शिवशंकर की करीबी स्वपना सुरेश भी शामिल हैं। स्वपना राज्य मुख्यमंत्री के एक प्रोजेक्ट में शामिल थीं। इस प्रोजेक्ट में भी स्वपना पर 9 करोड़ रूपये कमीशन लेने का आरोप है। दूसरी तरफ तस्करी मामले में स्वपना का नाम आने के बाद मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि उनपर कड़ी कार्यवाई की गयी और निलंबित कर दिया गया था।

गौरतलब है कि इसी साल 5 जुलाई को कस्टम ऑफिस ने तिरुअनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से 15 करोड़ रूपये का 30 किलो सोना जब्त किया था। इस मामले में केंद्रीय  एजेंसी ने सबसे पहले केरल के एक वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मी सरित कुमार को गिरफ्तार किया था। सरित कुमार ने केरल राज्य सुचना प्रौद्योगिकी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंधक के रूप में काम कर रही पूर्व वाणिज्य कर्मचारी स्वपना सुरेश की भूमिका को लेकर कस्टम विभाग को जानकारी दी थी।

स्वपना सुरेश का नाम आने के बाद यह मामला राजनीती में पहुंच गया। राज्य मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम भी आ गया। कहा गया कि स्वपना का मुख्यमंत्री से संबंध था और सयुंक्त अरब अमीरात में जब वो कार्यरत थी तब कई पार्टी में साथ देखे गए थे। हालांकि बाद में स्वपना को निलंबित कर दिया गया था।

वहीँ इस मामले में मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रमुख सचिव एम शिवशंकर को भी स्वपना के काम पर रखने में उनकी भूमिका के बाद निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विशेष एनआईए अदालत ने 7 दिनों के लिए केरल सोना तस्करी मामले के मुख्य आरोपी सरित कुमार को एनआईए की हिरासत में भेज दिया था। एनआईए के हाथ में मामला जाने के बाद मुख्य आरोपी सरित कुमार, स्वपना सुरेश, फाजिल फरीद, संदीप नायर, और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

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