MP: शिवराज मंत्रिमंडल पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के तीखे सवाल, कांग्रेस प्रवक्ता ने भी साधा निशाना…
शिवराज सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार तो कर लिया है लेकिन अभी भी लोगों के सवाल खत्म नहीं हुए हैं. उनके इस फैसले पर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कई सवाल उठाए हैं. विवेक तन्खा ने ट्वीट किया कि “शिवराज जी, कैबिनेट के संबंध में मेरे सुझावों को ‘आंशिक’ रूप से ही मानने के लिए धन्यवाद परंतु संविधान की धारा 164-1ए के अनुसार न्यूनतम 12 मंत्री होने चाहिएं”.
उन्होंने कहा, ‘भाजपा को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज क्यों है? पहली बार चारों महानगरों से मूल भाजपा का प्रतिनिधि क्यों नहीं? ऑपरेशन कमल के महत्वपूर्ण किरदार कैसे छूट गए? वरिष्ठतम नेता और पूर्व एलओपी भी शामिल नहीं। ,,,,,इस आशा के साथ की प्रदेश में मौत का तांडव रुकेगा और हम कोरोना से जंग जीतेंगे।’
3.ऑपरेशन लोटस के महत्वपूर्ण किरदार कैसे छूट गए?? 4.वरिष्ठतम नेता और पूर्व एलओपी भी शामिल नही । ,,,,,इस आशा के साथ की प्रदेश में मौत का तांडव रुकेगा और हम कोरोना से जंग जीतेंगे 2/2
— Vivek Tankha (@VTankha) April 21, 2020
मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने साधा शिवराज पर निशाना
मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी शिवराज सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया कि प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान मास्क पहनना हर नागरिक के लिए अनिवार्य है। लेकिन आज मंत्रिमंडल गठन के दौरान आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज जी से लेकर मंत्रियो तक ने मास्क नहीं पहना। नियमों के उल्लंघन पर सभी पर प्रकरण दर्ज हो और कार्रवाई हो।
प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान मास्क पहनना हर नागरिक के लिये अनिवार्य है।
लेकिन आज मंत्रिमंडल गठन के दौरान आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज जी से लेकर मंत्रियो तक ने मास्क नहीं पहना।
नियमो के उल्लंघन पर सभी पर प्रकरण दर्ज हो और कार्यवाही हो।— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) April 21, 2020
शिवराज सिंह चौहान ने 29 दिन बाद मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। सिंधिया समर्थक दो और भाजपा के तीन विधायकों को राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई। भाजपा से नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल ने जबकि सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने शपथ ली।
हालांकि, सिलावट और गोविंद सिंह विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्हें छह महीनों के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना अनिवार्य है।