रियालिटी चैक! 500 दुकाने जलने के बाद भी नहीं हुए पुख्ता इंतजाम
Reporter – Ashish Singh
लखनऊ- राजधानी लखनऊ की संकरी गलियों में बाजार और होटल धड़ल्ले से चल रहे हैं। रोज यहां पर लाखों लोगों का आना जाना होता है ऐसे में आगजनी जैसी कोई भी अप्रिय घटना होने पर राहत और बचाव कार्य करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि 2016 में अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में भीषण अग्निकांड हुआ था जिसमें 500 से अधिक दुकानें जलकर खाक हो गयीं थीं। तब से लेकर आजतक आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नही किये गए।
शहर की सबसे व्यस्ततम अमीनाबाद की मुमताज मार्केट है। यहां पर 1000 से अधिक दुकानें हैं। जब 2016 में यहां अग्निकांड हुआ था तब 500 से अधिक दुकानें जलकर राख हो गयी थी। दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया था। उस समय तमाम अधिकारियों ने निरीक्षण और दौरे किये।
लेकिन सुधार को लेकर आज तक कुछ नही हुआ। यह बाजार इतना व्यस्त है कि लोगों ने दुकानों के साथ-साथ अपना सामान बाहर भी सजाए रहते हैं। खास बात यह है कि इस पूरे मार्केट में आग बुझाने के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है। कुछ दुकानदारों ने अग्निशमन यंत्र के नाम पर सिलेंडर रखे हैं। यहां तारों का जाल बिछा है, जहां कभी भी स्पार्किंग होकर बड़ी घटना हो सकती है।
मुख्य बाजार व आसपास के अंदरूनी बाजारों में आग से लड़ने के संसाधन नहीं है। वहीं दूसरी तरफ बाजारों में तारों का जाल बिछा हुआ है। जिससे कभी भी शार्ट सर्किट हो सकता है और बड़ी आगजनी हो सकती है। बाजारों में जिन दुकानों पर अग्निशमन उपकरण हैं भी, वह बेहद पुराने हो चुके हैं, लेकिन इतना सब होने के बावजूद न तो प्रशासन जागा और न ही आमजन। प्रशासन आग बुझाने का प्रबंध न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है। लोग प्रशासन की इस लाचारी का फायदा उठाकर अपना कारोबार तो चला रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही वह खुद की व आम लोगों के जान से खेल रहे हैं।
राजधानी के ज्यादातर व्यावसायिक भवनों और घने बाजारों में अग्निशमन यंत्र पर्याप्त मात्रा में नहीं है या फिर हैं ही नहीं। हालांकि कुछ व्यापारिक इमारतों में अग्निशमन सिस्टम लगाया गया है, लेकिन मौका आने पर वह काम कर पाएंगे इसमें संदेह है। बाजारों के एक्जिट गेट पर अतिक्रमण होने के कारण लोगों को पता ही नहीं हो पाता कि एक्जिट गेट कहां हैं। इससे लोगों को निकलने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नही अतिक्रमण और भीड़ भाड़ होने के कारण मौके पर समय से फायर कर्मी नही पहुंच पाएंगे।
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शहर के व्यस्ततम बाजारों में शुमार नाका, चारबाग, अमीनाबाद, भूतनाथ, आलमबाग, चौक जैसी जगहों पर तंग गलियों में बाजार और होटल संचालित हो रहे हैं। यहां पर न तो आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम हैं और ना ही बचाव के साधन। ऐसे में कोई अप्रिय घटना होने पर भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है।