

महिलाएं का सबसे ज्यादा एमफील कोर्स में 63.8 प्रतिशत नांमकन कर रही है। जो पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सज में घटकर 56.46 प्रतिशत और सर्टिफिकेट कोर्सज में 55.63 प्रतिशत दर्ज किया गया है। अगर पीएचडी कोर्सेज की बात करें तो 92,570 पुरुषों के मुकाबले केवल 68,842 महिलाएं ही नामंकन करती हैं।
रिसर्च में इसका खुलासा हुआ हैं की सभी पिछड़े वर्ग के छात्रों के नामांकन उनके जनसंख्या मेंअनुपात के हिसाब से कम है। पिछड़े वर्गों में सबसे ज्यादा नामांकन 35 प्रतिशत अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों द्वारा किए गया हैं। इसके बाद अनुसूचित जाति के छात्रों द्वारा 14.4 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा 5.2 प्रतिशत, मुस्लिम समुदाय के छात्रों द्वारा 5 प्रतिशत और अन्य अल्पसंख्यकों द्वारा 2.2 प्रतिशत नामंकन ही किया जाता है।
जहां साल 2014-15 में भारत में 760 विश्वविद्यालय थे, वहीं अब साल 2018-19 में यह संख्या बढ़कर 903 हो गई है। राजस्थान में सबसे ज्यादा 79 विश्वविद्यालय हैं। जिसके बाद उत्तर प्रदेश में 76, गुजरात में 65, कर्नाटक में 60 और तमिलनाडु में 58 विश्वविद्यालय हैं।