बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी हैं NRC की लिस्ट से हैं नाराज…
देश में आजकल एसी खबरे सामने आ रही हैं कीअसम में बीजेपी की NRC की लिस्ट जारी हो चुकी हैं. वहीं इस नई लिस्ट में आने के बाद असम भाजपा का कहां हैं की इस पुराणी लिस्ट में उन्होंने कोई भरोसा नहीं हैं. जहां देस के हित के लिए उन्होंने रक्षा के लिए कोई कानून लाने की मांग उठाई हैं. देखा जाए तो जिन पार्टियों को एनआरसी की लिस्ट पर भरोसा नहीं है, उनके अपने-अपने तर्क हैं जिन्हें वे वाजिब ठहरा रहे हैं.
बतादें की असम में सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि वे अपडेटड एनआरसी पर भरोसा नहीं करते हैं, विशेष रूप से असम के लिए तैयार लिस्ट पर और केंद्र-राज्य दोनों सरकारों से अपील की है कि वे एक राष्ट्रव्यापी एनआरसी लेकर सामने आएं. भाजपा असम के अध्यक्ष रणजीत कुमार दास ने कहा, ‘हमें इस एनआरसी पर भरोसा नहीं है. हम बहुत दुखी हैं.
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वहीं हम केंद्र और राज्य सरकारों से राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी तैयार करने की अपील करते हैं.’ उन्होंने आगे कहा, अगर हमें लगा कि विदेशी ट्रिब्यूनल असली भारतीय नागरिकों के लिए गलत निर्णय दे रहे हैं तो हम सभी 19 लाख मामलों के निपटारे का इंतजार नहीं करेंगे. हम उनकी रक्षा के लिए अलग से अधिनियम लाएंगे.
लेकिन लिस्ट में बड़ी संख्या में हिंदुओं के नाम नहीं होने के चलते पूर्वोत्तर में पार्टी के नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने शनिवार को कहा कि एनआरसी से लगाई हुई उनकी सभी उम्मीदें खत्म हो गई हैं.
वहीं अंतिम सूची आने के बाद शर्मा ने नाखुशी जताई है. सूची से 19,06,657 लोगों को बाहर रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘एनआरसी बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिए कोई क्वार्टर-फाइनल, सेमी-फाइनल और फाइनल नहीं है. कुछ देर के लिए प्रतीक्षा करें और आप भाजपा शासन में और अधिक फाइनल देखेंगे.’
ममता बनर्जी एक ऐसे प्रदेश की मुखिया हैं जहां के बहुसंख्यक लोग बंगाली भाषी हैं. ममता बनर्जी की शिकायत है कि नई लिस्ट में बंगाली लोगों को बड़े स्तर पर बाहर कर दिया गया है. लिहाजा एनआरसी की अपडेटेड लिस्ट को उन्होंने ‘फियास्को’ यानी भारी गड़बड़झाला बताया है. उनका कहना है कि नई लिस्ट आने के बाद वैसे लोग पूरी तरह से बेनकाब हो गए जो इसके बहाने सियासी लाभ साधने में लगे थे. ममता का यह भी आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारे पर असम से बंगालियों को बाहर करने की साजिश चल रही है.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं उन बंगाली भाई-बहनों के लिए फिक्रमंद हूं जिन्हें गड़बड़ प्रक्रिया के चलते परेशान होने के लिए छोड़ दिया गया है.’ बंगाल में एनआरसी स्टेट कोऑर्डिनेटर्स ऑफिस की तरफ से बताया गया है कि कुल 3,30,27661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें 3,11,21,004 लोगों के आवेदन मंजूर कर लिए गए जबकि 19,06,657 के आवेदन नामंजूर कर दिए गए हैं. जिनके आवेदन नामंजूर हुए हैं वे 120 दिनों के अंदर फॉरेनर ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं. अगर यहां भी संतुष्ट नहीं हों तो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
दरअसल इस मामले में केंद्र पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘सबसे पहले गृह मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि अमित शाह ने एक भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि असम में 40 लाख घुसपैठिए हैं. लेकिन ओवैसी ने कहा हैं की मैं उनसे (अमित शाह) जानना चाहता हूं कि क्या वे अपने स्टैंड पर अब भी कायम हैं कि असम में 40 लाख घुसपैठिए हैं?’
वहीं असम की राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर सूची में कुल तीन करोड़ से अधिक लोग शामिल होने के योग्य पाए गए हैं. गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शनिवार को फाइनल लिस्ट जारी की जिसके मुताबिक 19,06,657 लोग दावा पेश नहीं कर पाए. वहीं इस सूची के लिए कुल 3,11,21,004 लोग पात्र पाए गए हैं.