जानिए विषयोग आपकी कुंडली में तो नहीं , इन उपयोग से पाए छुटकारा…
हिन्दू धर्म में नागपंचमी की पूजा शिव की आराधना से भी जुड़ा हुआ हैं. वहीं देखा जाये तो महादेव की पूजा पशुपतिनाथ के रूप मने भी किया जाता हैं. बतादें की नागपंचमी के दिन नाग को दूध पिलाना उनकिउ पूजा करने से पुण्य मिलता हैं.
वहीं अगर आपकी कुंडली में विष योग हो तो इस दिन विशेष उपाय से इस दुर्योंग से छुटकारा भी पाया जा सकता है. आइये जाते हैं कैसे –
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कुंडली में विषयोग हो तो करें ये उपाय –
– शिव जी के ऐसे मंदिर में जाएं जिसमे शिवलिंग पर सर्प का छत्र हो.
– शिवलिंग पर पंचामृत ऐसे अर्पित करें कि वो नाग पर होता हुआ शिवलिंग पर आए .
– इसके बाद गंगाजल की धारा अर्पित करते हुए शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें.
– इस समय “ॐ नमो नीलकंठाय” मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.
– कुंडली से सभी प्रकार के विष योगों का प्रभाव खत्म हो जाएगा.
क्या आप जानते हैं नाग पंचमी का सीधा संबंध आपकी कुंडली में विराजमान राहू-केतु से भी है. राहु और केतु परस्पर एक दूसरे से 180 अंश पर रहते हैं, यानी दोनों एक दूसरे से सप्तम भाव में विराजमान रहते हैं. राहु और केतु को सर्प का प्रतीक माना जाता है. राहु को सर और केतु को पूंछ माना जाता है. इस दिन दोपहर को राहु केतु का उपाय करने से इनसे सम्बंधित समस्याएं समाप्त होती हैं.
नाग पंचमी पर राहु केतु के अशुभ प्रभाव से पाएं छुटकारा –
– अगर राहु केतु खाने पीने की आदत बिगाड़ रहे हों तो नागपंचमी पर तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी उपासना करें.
– अगर राहु केतु के कारण बुरी आदतें लग गई हों तो नाग पंचमी पर प्रातः मिट्टी का एक सर्प बनाकर नदी में प्रवाहित करें.
– राहु केतु के कारण अगर जीवन में बार बार उतार चढ़ाव हो रहा हो तो इस दिन सात तरह के अनाज एक साथ दान करें.
– अगर भय की वृत्ति या कल्पना की समस्या हो तो इस दिन नीम की लकड़ी पर 108 बार पीली सरसों की आहुति दें.
– दरअसल राहु केतु से सम्बंधित कोई भी समस्या हो तो नाग पंचमी के दिन नीले कपडे में सफेद चन्दन का टुकड़ा बांधकर गले में धारण करें.