मारुति सुजुकी अब नहीं बेचेगी डीजल कार, इस वजह से लिया फैसला

देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी अगले साल अप्रैल से डीजल कारें नहीं बेचेगी। पिछले साल कंपनी ने 4.63 लाख डीजल गाड़ियां बेची थीं। सालाना बिक्री में डीजल कारों का हिस्सा करीब 23% है। कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि अप्रैल 2020 से ही बीएस-6 प्रदूषण मानक लागू होंगे। इस मानक के हिसाब से इंजन में बदलाव करने के कारण कार और यूटिलिटी वाहनों के दाम 10-25% तक बढ़ जाएंगे।
मारुति सुजुकी अब नहीं बेचेगी डीजल कार
शुरुआती अनुमान के मुताबिक पेट्रोल कारों के दाम 25,000-60,000 रुपए बढ़ेंगे। डीजल कारों के दाम एक से 2.5 लाख रुपए तक बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि नए प्रदूषण मानकों का असर छोटी कारों पर ज्यादा होगा।
यूरोप में भी यूरो-6 मानक लागू होने के बाद डीजल कारों की ग्रोथ कम हुई है। डीजल कारें बंद करने से मारुति का मार्केट शेयर घटने की उम्मीद नहीं है। भार्गव के अनुसार दाम बढ़ने के कारण कोई भी कंपनी छोटी डीजल कारें नहीं बनाना चाहेगी।
अभी मारुति की विटारा ब्रेजा, एस क्रॉस ही सिर्फ डीजल वर्जन में आ रही है। मारुति की विटारा ब्रेजा और एस-क्रॉस सिर्फ डीजल वर्जन में आती हैं। स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर, सियाज और अर्टिगा के पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जन हैं।

फैसले की 2 सबसे बड़ी वजह

बिक्री का ट्रेंड: 6 साल में डीजल कार की बिक्री आधी रह गई है
2012-13 में डीजल कारों की हिस्सेदारी 50% थी। अब यह घटकर आधी रह गई है।
वजह- पेट्रोल और डीजल के दामों में 5 साल पहले अंतर 27 रुपए का था, अब 10 रुपए है।
प्रदूषण की वजह से डीजल कारों पर सख्ती हो रही है। दिल्ली में डीजल कारों की रजिस्ट्रेशन अवधि 10 साल हैै, जबकि पेट्रोल वर्जन का 15 साल है।
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