सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक केस पर सुनवाई से किया इंकार, कही बड़ी बात

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टिकटॉक ऐप डाउनलोड करने पर प्रतिबंध लगाने के मद्रास हाई कोर्ट के हाल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया हैं। जहां मद्रास हाई कोर्ट ने ऐप पर उपलब्ध अश्लील सामग्री को लेकर उसके डाउनलोड पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। लेकिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि सही समय पर याचिका की सुनवाई की जाएगी ।

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बता दें की मद्रास हाई कोर्ट ने तीन अप्रैल को इस ऐप के जरिए अश्लील और अनुचित सामग्री परोसे कराए जाने का हवाला देते हुए केन्द्र को ‘टिकटॉक’ ऐप पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। वहीं अदालत ने उस जनहित याचिका के आधार पर अंतरिम आदेश जारी किया था, जिसमें इस आधार पर टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी कि इसमें कथित रूप से ऐसी सामग्री है जो संस्कृति का अपमान और अश्लील सामग्री को बढ़ावा देती है।

 

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लेकिन टिक टॉक ऐप के कारण आए दिन हो रहे हादसे और बढ़ते अश्लील वीडियो के खिलाफ तमिलनाडु सरकार इसे बैन करवाने केंद्र सरकार से बात करने का फैसला किया था। जहां इस बारे में तमिलनाडु राज्य के सूचना और प्रसारण मंत्री एम. मणिकंदन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार टिक टॉक ऐप को बैन करने पर विचार कर रही है। क्योंकि जहां इस ऐप से तमिल संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है। वहीं राज्य की कई राजनीतिक पार्टियों ने इस बारे में चिंता जताई है। इसलिए ब्लू व्हेल गेम को जिस तरह प्रतिबंधित किया गया है उसी तरह टिक टॉक को भी बैन किया जाए।

क्या है टिक-टॉक ऐप –

दरअसल ‘टिक-टॉक’ चीनी कंपनी ‘बाइट डान्स’ का एक ऐप हैं। वहीं इसके जरिये 15 सेकेंड तक के वीडियो बनाकर शेयर किए जा सकते हैं। जहां इसे चीन में सितंबर 2016 में लॉन्च किया गया था। वहीं साल 2018 में ‘टिक-टॉक’ की लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ी हैं। लेकिन यह अमेरिका में सबसे ज़्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप भी बन गया हैं। भारत में भी इस ऐप का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है।

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