
नई दिल्ली। चुनाव के मौसम में नेता क्या बोल ले जाएं कोई भरोसा नहीं रहता। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को एक भाषण के दौरान भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ कहकर संबोधित कर दिया।
जिसके बाद विपक्ष ने उनके इस शर्मनाक बयान पर घेरना शुरु कर दिया। सेना की तरफ से भी इस बयान पर आपात्ति जताई गयी। विवाद बढ़ता देख चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश निर्वाचन कार्यालय से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है।
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दिए गए योगी आदित्यनाथ के इस बयान से संबंधित मीडिया रिपोर्टों पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है। आयोग ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी को इस मामले में रिपोर्ट देने को कहा है।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी इस मामले से जुड़े तथ्यों का विस्तृत ब्योरा राज्य निर्वाचन कार्यालय को मुहैया कराएंगे। निर्वाचन कार्यालय इसके आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट आयोग को सौंपेगा।
उल्लेखनीय है कि योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद से सांसद और केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के पक्ष में रविवार को चुनावी सभा के दौरान यह टिप्पणी की
सेना में योगी के बयान को लेकर नाराजगी के संकेत हैं। नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल एल रामदास ने भी कहा कि वह योगी के बयान से निराश हैं। उन्होंने कहा कि सेना किसी शख्स की नहीं बल्कि पूरे देश की है।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेता के बयान पर चुनाव आयोग का रुख करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) एचएस पनाग ने भी कहा, ऐसी टिप्पणियों से सेना का राजनीतिकरण होता है।
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कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ बोलकर जवानों के पराक्रम एवं शहीदों का अपमान तथा चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, आदित्यनाथ ने मोदी की सेना बोलकर हमारे शहीदों तथा हमारे बहादुर जवानों के पराक्रम एवं बलिदान का अपमान किया है। यह चुनाव आयोग के नियमों का भी उल्लंघन है।