
ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ 8 और 9 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस हड़ताल का असर मंगलवार सुबह से ही देश के कई राज्यों में नजर आ रहा है। मुंबई में जहां बेस्ट बसों के पहिए थम गए हैं, वहीं अन्य राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर रास्ते जाम किए साथ ही ट्रेनें भी रोकीं।
वामपंथी पार्टियों और इससे संबद्ध यूनियनों द्वारा बुलाए गए इस बंद में देश के कई किसान और शिक्षक संघ भी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान सड़कों पर परिवहन, बैंकों में कामकाज और स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होने के आसार हैं। ट्रेड यूनियनों की मांगों में वेतन वृद्धि, रोजगार, पदोन्नति के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी सहित कई अन्य मांगें भी शामिल हैं।
सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चेतावनी का भी बंगाल में कोई असर नहीं दिख रहा है। कई संगठन सड़कों पर उतर आए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन को ब्लॉक कर दिया है, वहीं ओडिशा में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और टायर जलाए। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि इस हड़ताल में किसान और बैंक कर्मी भी शामिल हैं। उन्होंने ट्रेड यूनियन कानून 1926 में संशोधन का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार कथित पारदर्शिता के नाम पर गलत कर रही है और इससे बंधुआ मजदूरी का खतरा पैदा होगा।
दस ट्रेड यूनियनों आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा ने संयुक्त रूप से आम हड़ताल की घोषणा की है। इन संगठनों का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने श्रमिक कल्याण के कदम उठाने के बजाए दमनकारी नीतियां अपनाईं।
पश्चिम बंगाल में देशव्यापी हड़ताल के दौरान आसनसोल में टीएमसी और सीपीएम कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई है।
ओडिशा के भुवनेश्वर में व्यापार संघ द्वारा बुलाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर भारी विरोध प्रदर्शन के कारण यातायात की आवाजाही प्रभावित हो गई है।
भारत बंद के दौरान ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के सदस्य दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में प्रदर्शन कर रहे हैं.
कर्नाटक में भी इस हड़ताल का व्यापक असर नजर आ रहा है, प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ये हैं मांग:-
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली सार्वभौमिक हो
- उपभोक्ता वस्तुओं के वायदा व्यापार पर रोक लगे
- मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये मिले
- स्थायी प्रकृति के काम में ठेकेदारी समाप्त हो
- समान काम समान वेतन लागू हो
- नरेंद्र मोदी दो करोड़ युवाओं को नौकरी का वादा पूरा करें।
- स्वामीनाथन कृषि आयोग की अनुशंसा को लागू किया जाए।
- श्रमिका का डेमोक्रेटिक राइट बहाल किया जाए।
ओडिशा में हड़ताल के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर उतरकर जाम लगाया और सड़कों पर टायर जलाकर रास्ते बंद कर दिए। इस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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पश्चिम बंगाल में केंद्रीय व्यापार संघ भद्रक-खड़गपुर रेलवे खंड के रूपसा, जलेश्वर व दातन और हल्दिया रेलवे सेक्शन के रघुनाथबाड़ी में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत शिमला शहर में रैली 11 बजे पंचायत भवन से शुरू होगी व प्रदेश सरकार सचिवालय छोटा शिमला 12 बजे पहुंचेगी।
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन कर रहे CPM के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। कोलकाता में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की खबर आ रही है।
न्यूनतम सैलरी और सोशल सिक्यॉरिटी स्कीम की मांग को लेकर सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स ने हावड़ा में रेलवे लाइन को ब्लॉक किया।