
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की एक भ्रष्टाचार मामले में प्राथमिकी रद्द करने की मांग करने वाली याचिका खारिज करने का आग्रह किया।

सीबीआई ने न्यायमूर्ति नजमी वाजिरी को बताया कि हाल ही में एक नई जांच टीम ने मामले को अपने हाथ में लिया है और एजेंसी सामग्री व दस्तावेजों का विश्लेषण करने की प्रक्रिया में है।
सीबीआई ने कहा, “इसलिए सीबीआई बाद में इसके खिलाफ विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए इस अदालत से समय मांगती है।”
अदालत ने यथास्थिति को बनाए रखने के लिए अपने अंतरिम आदेश में विस्तार किया है और अस्थाना को 14 नवंबर तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की है। मामले की अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी।
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अदालत का यह फैसला अस्थाना के यथास्थिति आदेश में विस्तार और सीबीआई को उनके खिलाफ सख्त कार्रावाई नहीं करने का निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर आया है।
अदालत अस्थाना और निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार द्वारा प्राथमिकियों को रद्द करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
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केंद्रीय एजेंसी ने कुमार की याचिका का भी विरोध किया था। एजेंसी ने उच्च न्यायालय को बताया कि वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों की देखरेख में उद्देश्यपूर्ण संतुष्टि के साथ जांच चल रही है और इस वक्त प्राथमिकी में उल्लेखित धाराओं की उपयुक्तता को चुनौती नहीं दी जा सकती।
सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ रिश्वत मामले में कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों के लिए पिछले सप्ताह कुमार को गिरफ्तार किया था।
कुमार को निचली अदालत से बुधवार को जमानत मिल गई थी।





