सुप्रीम कोर्ट का फैसला पुणे पुलिस की जीत : फड़णवीस
मुंबई| महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में सर्वोच्च न्यायाल के फैसले का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह पुणे पुलिस और देश की जीत है। फड़णवीस ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, “हम पुणे पुलिस की जांच पर आधारित फैसले का स्वागत करते हैं। पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य को वैध माना गया। अदालत ने कहा कि वह जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी।”
उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया कि इसमें कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं डाला गया है और न ही विरोधी आवाज को दबाने की साजिश की गई है।
फड़णवीस ने कहा, “वे लोग (कार्यकर्ता) कई साल से इसमें संलिप्त थे लेकिन कोई साक्ष्य नहीं होने के कारण जांच पूरी नहीं हो पाई थी।”
उन्होंने कहा कि फैसले से देश में अशांति पैदा करने के लिए साजिश रचने वाले शहरी नक्सली के खिलाफ सरकार के रुख को सही ठहराया गया है।
फड़णवीस ने कहा, “ये लोग देश विरोधी कार्य करते रहे हैं और हमारे प्रधानमंत्री की हत्या करने की योजना बनाते रहे हैं। लेकिन हमने उनके विरुद्ध सारे साक्ष्यों को इकट्ठा कर लिया है और अब उनको हिरासत में लेने के लिए सक्षम अदालत में जाएंगे। उनको छोड़ा नहीं जाएगा।”
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पुणे पुलिस ने अगस्त में देशभर में कई जगह दबिश देकर पांच मानवाधिकार व दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था, जिनमें वरवर राव, सुधा भारद्वाज, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंजाल्विस और गौतम नवलखा शामिल थे। तीन अक्टूबर को रंजन गोगोई के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालने के बाद ही इन्हें शायद न्याय मिल पाएगा।