चुनावी मूड में आये ‘मामा’, डिजिटल शिक्षा को लेकर लिया बड़ा फैसला

नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास, खनन एवं पंचायती राज म की ‘मेरा स्कूल, डिजिटल स्कूल’ नाम की पहल के माध्यम से मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 100 सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब डिजिटल शिक्षा मिलेगी। इस पहल का मकसद जिले के 100 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदलना है।

गैर सरकारी संस्था (एनजीओ)

इस पहल के तहत, ग्रामीण परिवेश के बच्चों को डिजिटल स्कूलों में स्मार्ट और बेहतर ढंग से सीखने की सुविधा दी जाएगी और शैक्षिक माहौल में बदलाव लाने में यह स्कूल कारगर भूमिका निभाएंगे। केंद्रीय मंत्री के इस अभियान में गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन सक्रिय रूप से सहयोग दे रहा है।

केंद्रीय मंत्री के साथ साथ वेदांता ग्रुप, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश के 100 ग्रामीण सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने का बीड़ा उठाया है।

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नरेंद्र तोमर ने कहा, “डिजिटल शिक्षा के माध्यम से हम ग्रामीण बच्चों के करियर को नया आकार दे सकते हैं। आज के जमाने में पूरी दुनिया ऑनलाइन आ चुकी है। आज से तेजी से बदलती दुनिया से मुकाबले के लिए ग्रामीण बच्चों को सक्षम बनाना ही होगा।

प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया का सपना पूरे करने की राह पर गांवों के सरकारी स्कूलों को डिजिटल स्कूलों में बदलने का फैसला किया गया है।”

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ग्वालियर स्थित मुस्कान ड्रीम फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक दुबे ने कहा, “मध्यप्रदेश के गांवों में सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने की इस पहल से छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। वह स्मार्ट क्लासेज से फायदा उठा सकेंगे।”

मध्यप्रदेश के गांवों में डिजिटल स्कूलों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर लगाए गए हैं। बच्चों का प्रैक्टिकल ज्ञान बढ़ाने के लिए दीवारों पर एटलस लगाए गए हैं। इसके अलावा फोटो सिंथेसिस चार्ट से लेकर बॉडी डायग्राम बनाए गए हैं। बच्चों को मिड डे स्कीम के तहत भोजन मुहैया कराने के लिए किचन का भी रेनोवेशन कराया गया है।

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