
चेन्नई| करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाला मामले में जांच के सिलसिले में बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सी. विजयभास्कर और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) टी. के. राजेंद्रन के आवास समेत प्रदेश के कई जगहों के अलावा मुंबई और बेंगलुरु में भी छापेमारी की।

दिल्ली में सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने तमिलनाडु के चेन्नई, तिरुवल्लुर और तुतुकुडी के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, पुडुचेरी और आंध्रप्रदेश के गुंटूर स्थित कई ठिकानों पर सुबह सवेरे एक साथ धावा बोला।”
तमिलनाडु की यह पहली घटना है जबकि सीबीआई ने प्रदेश में सेवारत डीजीपी के आवास की तलाशी ली।
एजेंसी के अनुसार, पूर्व मंत्री बी. वी. रमन्ना और चेन्नई के सेवानिवृत्त पुलिस आयुक्त एस. जॉर्ज, एसीपी एम. मन्नन और इंस्पेक्टर संपत कुमार के घरों की भी तलाशी ली गई।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय आबकारी विभाग, प्रदेश के बिक्री कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और खाद्य सुरक्षा व ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारियों के आवासों व परिसरों की भी तलाशी ली गई।
जयम इंडस्ट्रीज के प्रमोटर ए. वी. माधव राव, उमाशंकर गुप्ता और श्रीनिवास राव के परिसरों में भी छापेमारी की गई।
सीबीआई की कार्रवाई के बाद विपक्षी दल द्रमुक के नेता एम. के. स्टालिन ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से विजयबास्कर और राजेंद्रन के इस्तीफा नहीं देने की सूरत में उनको बर्खास्त करने की अपील की।
अदालत ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के विधायक जे. अंबजगन द्वारा याचिका दायर करने के बाद सीबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया।
यह मामला 2016 में तमिलनाडु में एक गुटखा निर्माता के कार्यालयों, निवासों और गोदामों में आयकर विभाग द्वारा की गई छापेमारी से संबंधित है। तब एक डायरी को जब्त किया गया था जिसमें विभिन्न अधिकारियों को कथित रूप से करीब 39.31 करोड़ रुपये रिश्वत के रूप में भुगतान करने का जिक्र था।
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तमिलनाडु सरकार ने गुटखा के निर्माण और भंडारण पर प्रतिबंध लगा रखा है।
कई राजनीतिक दलों ने घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी लेकिन अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की सरकार इसके लिए राजी नहीं हुई।
प्रवर्तन निदेशालय ने मई में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जून में तमिलनाडु के गुटखा घोटाले में अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ ‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट’ के तहत धनशोधन का मामला दर्ज किया था।





