आपको बता दें कि चंद्रयान-1 में नासा का एक उपकरण मून मिनरलॉजी मैपर इंस्ट्रूमेंट भी लगा था, जिससे उसे बर्फ वाली जानकारी प्राप्त हुई है।
चांद के दक्षिण पोल पर जो गड्ढे मौजूद हैं उनमें बर्फ है इसके अलावा उत्तर पोल पर भी चौड़ी बर्फ की जानकारी मिली है। इसका अर्थ ये हुआ कि चांद पर बर्फ की उपस्थिति पर्याप्त मात्रा में मौजूद है।
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आपको बता दें कि चंद्रयान-1 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत द्वारा चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था। इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को 22अक्टूबर, 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह 30 अगस्त, 2009 तक सक्रिय रहा था।
यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था।