अब किसानों का ‘भाव’ देखेगी सरकार, 10 दिन… 7 राज्य और बंधक बना पूरा देश

नई दिल्ली। देश में किसानों ने अपनी कई मांगो को लेकर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। 7 बड़े राज्यों में राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाने की ठान ली है। किसानों ने 10 दिन तक बंद का आह्वान किया है। इनकी प्रमुख मांग सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दो को सुलझाना है।

किसान आंदोलन

राज्यों में मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन और प्रशासन पहले ही सख्त हो गया है और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। अगर आंदोलन अपने समय-सीमा तक चला तो शहरों में सब्जियों और खाद्य पर्दाथों की कमी आ सकती है।

आंदोलन

दरअसल किसानों ने आंदोलन के दौरान किसानों द्वारा पैदा किया गया कोई भी उत्पाद बाजार में पहुंचाने से मना किया है चाहे वह सब्जी हो य दूध। किसानों ने पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर 40 हजार लीटर दूध बहाकर सरकार के खिलाफ विरोध दिखाया था।

पंजाब में किसानों ने सब्जीं और दूध सड़क पर फेंक कर विरोध किया जिसे देखते हुए पुलिस व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

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मध्य प्रदेश में हालात सबसे ज्यादा गंभीर है यहां किसानों ने सब्जी और दूध की सप्लाई पर रोक लगा दी और बंद की घोषणा कर दी है जिससे सतर्क होकर शासन ने कुछ जगह धारा 144 भी लगा दी है। माना जा रहा है कि मंदसौर में 6 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों से मिल सकते है। जोकिं सरकार के लिए खतरा साबित हो सकता है हालांकि कुछ किसान अस्पताल में फ्री दूध बांट रहे है।

उत्तर प्रदेश के आगरा में किसानों ने जमकर उत्पात मचाया है। उन्होंने अपने वाहनों की फ्री आवाजाही कराने के लिए टोल प्लाजा पर कब्जा कर वहां पर तोड़फोड़ भी की।

 

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