रेलवे से सिर्फ 35 रुपये के लिए एक साल से लड़ रहा इंजीनियर
जयपुर। एक तरफ रेल मंत्रालय जहां यात्रियों को सुविधाओं की सौगात देने की बात कर रहे हैं। वहीँ दूसरी तरफ राजस्थान के कोटा से एक अजब मामला सामने आया है। रेलवे कोटा में इंजीनियर जो पूरे एक साल के लिए सिर्फ 35 रुपये वापस पाने के लिए एक कठिन यात्रा पर निकला है। भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम अथवा आईआरसीटीसी से उन्होंने कोटा से नई दिल्ली में ट्रेन टिकट रद्द कराने पर उन्हें पूरे पैसे वापिस नहीं मिले।
दरअसल, स्वामी की ट्रेवलिंग डेट 2 जुलाई थी और 1 जुलाई को जीएसटी लागू हुआ था। लेकिन स्वामी ने जीएसटी लागू होने से पहले ही टिकट को कैंसल करवा दिया था। स्वामी के वकील रोहित सिंह राजावत ने कहा कि एसीजेएम की ओर से पिटीशन को स्वीकार करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है।
आईआरसीटीसी के खिलाफ शिकायत दायर करने वाली स्वामी कहते हैं, ‘वेटिंग लिस्ट टिकट होने की वजह से कैंसल टिकट पर 65 रुपये ही चार्ज लगता है, लेकिन 100 रुपये चार्ज किए गए।
उसके बाद मैंने आईआरसीटीसी में आरटीआई फाइल की और शिकायत भी की। उन्होंने मुझे कहा कि आपका बाकी अमाउंट मिल जाएगा, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ।’
हालांकि, आरटीआई ने बाद में यह भी कहा कि रेलवे ने फैसला लिया था कि जीएसटी लागू होने से पहले बुक टिकटों को कैंसल कराने पर भी सर्विस चार्ज वापस किया जाएगा। आईआरसीटी से आगे कहा कि इस हिसाब से आपके 35 रुपये रिफंड हो जाएंगे।
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बता दें कि स्वामी केवल प्रभावित व्यक्ति नहीं हैं। उनके द्वारा दायर एक और आरटीआई में पाया गया कि 9 लाख से ज्यादा यात्रियों ने जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले टिकट बुक किए थे और 1 जुलाई से 11 जुलाई के बीच उन्हें रद्द कर दिया था जबकि सेवा कर लगाया गया था।
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स्वामी द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में आईआरसीटीसी ने कहा कि रेल मंत्रालय के वाणिज्यिक संख्या 43 के अनुसार, जीएसटी के कार्यान्वयन से पहले बुक टिकटों के लिए और कार्यान्वयन के बाद रद्द कर दिया गया है, बुकिंग के समय चार्ज किया गया सेवा कर धनवापसी नहीं की जाएगी।
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