
मुंबई। अनुपम खेर का नाम बॉलीवुड की उन शख्सियत में शुमार है जिन्होंने अपने काम और जज्बे से पुरी दुनिया को साबित कर दिया कि उम्र कभी आपकी कामयाबी को दबा नहीं सकती है। वक्त, हालात और दिन कैसे भी क्यों न हों इंसान चाहे तो कुछ भी हो सकता है। आज अनुपम खेर का जन्मदिन है।
7 मार्च 1955 को शिमला में जन्मा एक बच्चा आगे चलकर मनोरंजन की दुनिया में जाना माना नाम बन जाएगा ये किसी ने भी नहीं सोचा था। गुजरते वक्त के साथ जिंदगी में कई उतार चढ़ाव का सामना करने के बावजूद अनुपम ने कभी हार नहीं मानी।
यह उनका जज्बा ही था कि कभी कभी तुतलाने वाला लड़का फिल्मों में निडर होकर बिना गलती किए धड़ल्ले से डायलॉग बोलने लगा। अपने स्ट्रगल के दिनों में स्टेशन पर रात गुजारने वाले शख्स् के पास और ऐश-ओ-आराम की सभी जीजें मौजूद हैं।
कई अवार्ड जीतने और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के चेयरमैन बनने के अलावा अनुपम ने कई और उपलब्धियां अपने नाम की हैं। इन दिनों वह न केवल एक एक्टर है बल्कि वह फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी हैं।
वैसे तो अनुपम के बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1971 मे ‘टाइगर सिक्सटीन’ से ही हो गई थी लेकन जिंदगी बदलनी अभी बाकी थी। वो लम्हा 1984 में फिल्म ‘सारांश’ से आया। फिल्म ‘सारांश’ में महज छोटी सी उम्र में अधेड़ व्यक्ति का किरदार अदा कर अनुपम में दिखा वह एक वर्सेटाइल एक्टर हैं। उम्र और एक्सपीरिएंस भले ही कम था लेकिल टैलेंट बेशुमार था। आज टैलेंट के साथ उनके एक्सपीरिंएस का पिटारा भी भरा हुआ है।
‘सारांश’ में उस किरदार को पाने का किस्सा भी बेहद दिलचस्प है। अपने एक इंटरव्यू में अपुनम ने इस बात का जिक्र करते किया था। फिल्म के जिस किरदार को निभाने के लिए उन्होंने कई महीनों तक महनत की थी वह किरदार उनके हाथ से निकल गया था।
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अनुपम के बताया था कि इसके बाद वह बेहद टूट गए थे। लौटते वक्त अनुपम बेहद गुस्से में थे। उन्होंने महेश भट्ट काफी बुरा भला सुनाया। इसके बाद महेश ने राजश्री प्रोडक्शन से कहा कि अगर सारांश में अनुपम नहीं होंगे तो वह फिल्म को प्रोड्युस नहीं करेंगे। और घूम फिर कर वह किरदार अनुपम की झोली में वापस आ गिरा। फिल्म रिलीज के बाद उसक किरदार ने उन्हें फेम दिलाया और उनकी जिंदगी बदल गई। अबतक अनुपम 500 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं।