बढ़ते अपराधों को लेकर सख्त हुई खट्टर सरकार, नाबालिग से दुष्कर्म तो सजा-ए-मौत
चंडीगढ़: हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर की सरकार अपने पूरे कार्यकाल में विवादों से घिरती नजर आई है. चाहे साम्प्रदायिक दंगे हों या आपराधिक मामले, खट्टर सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है. वर्तमान में मनोहर लाल खट्टर की सरकार का आधे से ज्यादा समय अपराधों और हिंसक घटनाओ से निपटने की रणनीति बनाने में निकल चुका है.
राम रहीम के भक्तों द्वारा मचाए गये उपद्रव में तो करोड़ो की सरकारी सम्पत्ति का नुकसान हुआ साथ ही लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी लेकिन अब खट्टर सरकार ने एक ऐसा फरमान जारी किया है जिससे असामाजिक तत्वों पर लगाम कसने में काफी हद तक मदद मिलेगी. हरियाणा में बढ़ रहे अपराधों में काफी ज्यादा संख्या बलात्कार की घटनाओ की है जिससे निपटना और लोगो को समुचित सुरक्षा का एहसास करवा पाना खट्टर सरकार के लिए लगातार चुनौती बना रहा है.
हरियाणा सरकार ने 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने के प्रावधान से संबंधित कानून लाने के एक प्रस्ताव को कल मंजूरी दे दी.
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मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व में हुई राज्य मंत्रिमंडल की एक बैठक में यौन अपराधों से जुड़े मौजूदा आपराधिक कानूनों को और कड़ा करने का भी फैसला किया गया.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि 12 साल तक की लड़की के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के मामले में मौत की सजा होगी या सश्रम कारावास होगा जो 14 साल से कम का नहीं होगा और उम्रकैद में बदल सकता है.
मंत्रिमंडल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ए (अलगाव के दौरान किसी व्यक्ति का अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाना), 376 डी (एक या उससे ज्यादा लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार), 354 (शीलभंग करने के इरादे से किसी महिला पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल) और 354 डी (2) (पीछा करना) जैसे कानूनी प्रावधानों में संशोधन करने का फैसला किया.