भारत की भव्यता को जानना है तो देखिए पाकिस्तान में पैदा हुए इस अभिनेता की फिल्में
नई दिल्ली| एक ऐसा कलाकार जो अपने बेजोड़ अभिनय के लिए जाना गया. देश प्रेम से ओतप्रोत फिल्में इस कलाकार की महानता की सीढ़ी बनी. देश के प्रति कला के क्षेत्र में एक सशक्त हस्ताक्षर के रूप में मनोज कुमार की अपनी अलग पहचान है. पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार ने अभिनय की नई इबारत लिखी. मनोज कुमार का मूल नाम ‘हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी’ है. उम्र के 80वें पड़ाव पर पहुंच चुके मनोज कुमार की फिल्मों को जितना प्यार मिला उतना शायद हर कलाकार को नसीब नहीं होता.
जब भी कभी देशभक्ति की बात आती है तो मनोज कुमार सबसे पहले हमारे जेहन में आते हैं. उन्होंने न सिर्फ देशभक्ति से लबरेज फिल्मों में अभिनय किया बल्कि इनके निर्माता भी बने. मनोज कुमार को इसी वजह से ‘भारत कुमार’ नाम दिया गया.
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जहां अक्षय कुमार देश के विकास के लिए प्रधानमन्त्री के नारों पर आधारित ‘टॉयलेट’ सरीखी फिल्मे बना रहे हैं, वहीं मनोज कुमार को लाल बहादुर शाश्त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ के नारे पर फिल्म बनाने को कहा था. ऐसे कलाकार विरले ही देखने को मिलते हैं जो देशप्रेम को अपनी कला से जीवंत कर देते हैं.
ऐसा कहा जाता रहा है कि अगर आप भारत को करीब से जानना चाहते हैं तो मनोज कुमार की फिल्में देख लें. मनोज कुमार के इस देश प्रेम से हर कोई कायल है. फिल्म नमस्ते ‘लन्दन’ में प्राउड इंडिया के डायलॉग में अक्षय कुमार स्क्रीन पर जिक्र करते हैं कि जिन्हें भारत को करीब से जानना है वो मनोज कुमार की ‘पूरब और पश्चिम’ देख लें.
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साल 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ ने मनोज कुमार को करियर की बुलंदियों पर चढ़ा दिया था. कहा जाता था कि उस दौर में मनोज की सफलता देख कर राज कपूर को भी उनसे जलन होने लगी थी. इसी साल भारत-पाक युद्ध के बाद पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से फिल्म बनाने का आग्रह किया था. इसी का नतीजा 1967 में फिल्म ‘उपकार’ के रूप में सामने आया. कई फिल्मफेयर अपने नाम करने वाले इस कद्दावर अभिनेता को इसी साल नेशनल अवार्ड से नवाजा गया. मनोज कुमार की फिल्मों के प्रति दीवानगी आज भी उतनी ही बरकरार है.उन्होंने कहा था कि वो खुद को देश का सिपाही मानते हैं. उनका कहना है ‘Once a Soldier, Always a Soldier’
मनोज की फिल्मों में ‘हरियाली और रास्ता’, शहीद, हिमालय की गोद में, गुमनाम, पत्थर के सनम, उपकार, रोटी कपड़ा और मकान, क्रान्ति प्रमुख हैं.