हज सब्सिडी खत्म करने पर तिलमिलाए ओवैसी, कहा- चार धाम यात्रा के लिए…

नई दिल्ली। एमआईएम प्रमुख आसद्दुदीन ओवैसी ने हज सब्सिडी खत्म करने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि सरकार की नीतियां समाज के विशेष तबके के लिए ही हितकर हैं। सरकार जिस रवैये के साथ नीतियों को अंजाम दे रही है उससे शंका का माहौल बना हुआ है।

हज सब्सिडी

ओवैसी ने देश के विभिन्न हिस्सों में हिन्दू तीर्थ यात्रियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर कड़ा विरोध दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और उनकी कैबिनेट महज 200 करोड़ के लिए शोर मचाकर उसे अल्पसंख्यक समुदाय का तुष्टीकरण बताते आये हैं जबकि अनेकों धार्मिक आयोजनों पर हजारों करोड़ पानी की तरह बहा दिए जाते हैं।

ओवैसी ने कहा “सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अनुसार हज सब्सिडी 2022 में खत्म हो रही थी ऐसे में मोदी सरकार को ये मुद्दा नही उछालना चाहिए था। क्या अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें हिन्दुओं को दी जाने वाली सहायता पर भी रोक लगाएगी”

ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में मानसरोवर यात्रा के लिए दी जाने वाली 1.5 लाख की सहायता को चुनौती देते हुए कहा कि, भाजपा उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस कर्नाटक में चार धाम यात्रा के लिए 20000 रूपये की सब्सिडी देती है। क्या ये बहुसंख्यकों द्वारा तुष्टीकरण नही है। अगर सरकार किसी वर्ग विशेष का तुष्टीकरण नही कर रही तो प्रधानमन्त्री द्वारा 2014 में कुम्भ मेले के लिए दिए गये 1150 करोड़, सिंहस्थ कुम्भ के लिए मध्य प्रदेश सरकार को 100 करोड़ और इसी मद में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किये गये 3400 करोड़ रुपये को कौन सा नाम देना उचित होगा।

ओवैसी ने मोदी के ग्रह राज्य गुजरात पर तंज कसते हुए कहा कि लम्बे समय से गुजरात सरकार वहां के पुजारियों को धन आवंटन कर रही है। हरियाणा सरकार द्वारा डेरा सच्चा सौदा को 1 करोड़ रूपये देना चुनावी तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए नहीं है तो फिर और क्या है?।

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