सीएम योगी का ऐलान, बिना सुनवाई बरी होंगे 20 हजार मंत्री और विधायक

योगी सरकारलखनऊ। उत्तर प्रदेश के करीबन 20 हजार से ज़्यादा नेताओं के खिलाफ चल रहे मुकदमों को ख़त्म करने के लिए योगी सरकार बहुत जल्द कानून बनाने जा रही है। गुरुवार को विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “वह (योगी सरकार) इन तमाम मामलों को वापस लेगी, इसके लिए जल्द ही सरकार कानून लाएगी”। बड़ी बात ये है कि यह तमाम मामले मंत्रियों, विधायकों और अन्य राजनीतिक व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज हैं। ऐसे मामलों को ख़त्म करने के लिए उन्हें इकट्टा करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

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जानकारी के लिए बता दें कि, योगी सरकार को लगता है कि ये तमाम मामले राजनीति से प्रेरित होकर दर्ज कराए गए हैं। यह सभी मामले राजनीतिक हैं। इसलिए इन्हें ख़त्म किया जाना चाहिए। साथ ही योगी सरकार ने कानून विभाग को इस कानून के लिए तैयारी करने का भी निर्देश दे दिया गया है।

वहीँ 20 हजार से ज़्यादा राजनीतिकी मामलों को ख़त्म करने की बात को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। विपक्षियों का आरोप है कि “कहीं अपराधियों को बचाने की कवायद तो नहीं”?

कांग्रेस के राज्य मीडिया हेड वीरेंद्र मदन ने कहा कि “हमे यह देखना पड़ेगा कि राजनीतिक मामलों से सरकार का क्या मतलब है, मुमकिन है कि इस कानून को भाजपा के कार्यकर्ताओं, नेताओं को गंभीर मामलों से बचाने के लिए लाया जा रहा हो। मुमकिन है कि यह कानून आपराधिक नेताओं के मदद के लिए लाया जा रहा हो।

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सीपीआईएम के नेता प्रेमनाथ राय ने कहा कि “हमारा मानना है कि नेताओं को अक्सर बेकार के मामलों में फंसाया जाता है, लेकिन सरकार को यह साफ करना चाहिए कि वह इस कानून के जरिए क्या कहना चाहती है। अपराधी प्रवृत्ति के नेताओं को बचाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए”।

भाजपा के राज्य महासचिव विजय बहादुर पाठक ने कहा कि “विपक्ष को इस मसले को गलत नजरिए से नहीं देखना चाहिए। सरकार के फैसले को सभी विपक्षी दलों को स्वागत करना चाहिए, इस फैसले पर शंका की कोई आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि वह लोकतंत्र और राजनीति में चर्चा को और भी मजबूत करना चाहते हैं”।

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