जानिए, शशि कपूर की जिंदगी से जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स
नई दिल्ली। 79 साल की उम्र में बॉलीवुड के वेट्रन एक्टर शशि कपूर का निधन हो गया है। वे पिछले तीन हफ्ते से बीमार थे। शशि कपूर ने मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में आखिरी सांस ली। एक्टर सीने में इंफेक्शन से पीड़ित थे, जिसके बाद उन्हें कई बाइपास सर्जरी से भी गुजरना पड़ा था। उनका का असली नाम बलबीर राज कपूर था।
आइए आपको बताते हैं सदाबहार एक्टर शशि साहब के निधन के बाद उनके बारे में सुने-अनसुनी बातें।
18 मार्च 1938 को कलकत्ता में शशि कपूर का जन्म हुआ था। शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर रखा गया, लेकिन प्यार से लोग उन्हें शशि ही बुलाते थे। इसी कारण से उनका फिल्मों में यही नाम पड़ गया।
शशि कपूर भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके दो बड़े भाई राज कपूर और शम्मी कपूर थे। राज कपूर उन्हें शशि बाबा और शम्मी कपूर उन्हें शाशा कहकर पुकारते थे।
शशि कपूर ने बाल कलाकार के रूप में आग (1948), आवारा (1951) जैसी फिल्मों में काम किया।
यश चोपड़ा निर्देशित धर्मपुत्र से शशि ने 1961 में करियर की शुरुआत की।
शशि कपूर और अमिताभ बच्चन ने पहली बार ‘रोटी कपड़ा और मकान’ साथ काम किया था। इसके बाद ये जोड़ी करीब 12 फिल्मों में साथ आई।
शशि ने जेनिफर कैंडल के साथ शादी की। उनकी पहली मुलाकात कलकत्ता में हुई। दोनों के बीच प्यार हुआ, लेकिन कैंडल परिवार इसके खिलाफ था।
शशि कपूर ने हॉलीवुड में भी जाना-माना चेहरा थे। उन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकन फिल्मों में काम किया, जिनके नाम हैं- द हाउसहोल्डर (1963), शेक्सपीअर वाला (1965), बॉम्बे टॉकीज (1970), हीट एंड डस्ट (1982)।
वैसे तो शशि विवादों से दूर ही रहे, लेकिन फिल्म सिद्धार्थ (1972) में सिमी ग्रेवाल के साथ न्यूड सीन को लेकर वह विवादों में रहे। इसे लेकर काफी बवाल हुआ था।
पत्नी जेनिफर कैंडल की 1984 में कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी। इस सदमे के बाद से उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली।
शशि कपूर को तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। 1979 में फिल्म जुनून को बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड मिला। 1986 में फिल्म न्यू देल्ही टाइम्स के लिए बेस्टर एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला। 1994 में फिल्म ‘मुहाफिज’ के लिए स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से भी उन्हें नवाजा गया। 2014 में उन्हें दादासाहेब फालके अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया।