इस मुद्दे पर एक साथ आई सपा-बसपा, बीजेपी को दे डाला बड़ा चैलेंज

सपा-बसपालखनऊ। उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने विरोधियों को चारों खाने चित करते हुए मैदान मार लिया है। पार्टी का कद दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में दूसरे दलों के लिए मैदान में टिके रहना ही भारी पड़ रहा है। हां बसपा के प्रदर्शन ने जरुर पार्टी को एकबार फिरसे से जीवंत कर दिया है। उसने बीजेपी को कई सीटों पर कड़ी टक्कर दी है।

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नगर निकाय चुनाव से पहले बुआ और भतीजे यानी सपा-बसपा के साथ में चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हुई थी। परन्तु ऐसा हुआ नहीं। लेकिन इसबार दोनों ही दल एक मुद्दे को लेकर साथ आ गये हैं। वो मुद्दा है EVM मशीन। चुनाव के परिणाम में EVM की भूमिका पर दोनों दलों से भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

वैसे तो उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में बीजेपी को मिली बंपर जीत पर पार्टी और सरकार गदगद है लेकिन विपक्षी दल इन चुनावी नतीजों की अलग ही व्याख्या कर रहे हैं। नगर निगमों में 46 फीसदी सीटें जीतने वाली बीजेपी को नगर पालिका और नगर पंचायत में 15 फीसदी सीटों पर ही जीत मिली है।

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इन सबमे खास बात ये है कि नगर निगम में जहां ईवीएम से वोटिंग हुई थी वहीं, नगर पंचायत और पालिका में वोटिंग के लिए मतपत्रों का इस्तेमाल किया गया था। विपक्षी दल खासकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती इसी पर सवाल उठा रहे हैं।

मायावती ने जमकर साधा निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ईवीएम से छेड़छाड़ की है।

निकाय चुनाव में भी बीजेपी पर ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि अगर इस बार बीजेपी EVM से छेड़छाड़ नहीं करती तो हमारे और भी मेयर जीतते और सीटें भी ज्यादा मिलती। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराती है तो किसी भी हाल में सत्ता नहीं हासिल कर सकती।

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मायावती ने कहा कि बीएसपी ने हमेशा से सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के नारे पर ही सत्ता चलाई है। भविष्य की रणनीति पर चर्चा करते हुए मायावती ने कहा कि वह देशभर में रैलियां करने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए वह सर्व समाज के आने के लिए भी तैयार हैं।

चुनाव नतीजों पर बोलते हुए मायावती ने कहा कि दलित समुदाय के अलावा समाज के सवर्ण और पिछड़े वर्ग ने भी बीएसपी को समर्थन दिया और यह पार्टी के लिए अच्छे संकेत हैं। साथ ही समाज के मुस्लिम तबके का समर्थन भी हमें हासिल है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की तमाम कोशिशों के बावजूद भी बीएसपी नंबर दो पर रही।

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उन्होंने कहा कि बीजेपी भले ही आज सत्ता में हो लेकिन हमें भरोसा है कि न सिर्फ बहुजन समाज बल्कि अन्य समुदाय की जनता भी हमारे साथ है।

अखिलेश ने भी मिलाया सुर में सुर

मायावती की तरह अखिलेश यादव ने भी ट्वीट के ज़रिये बीजेपी और ईवीएम के मुद्दे को उठाया। अखिलेश ने ट्वीट में लिखा, ‘बीजेपी ने बैलेट पेपर के इलाकों में महज 15 फीसदी सीटें जीतीं लेकिन ईवीएम के इलाकों में वो 46 फीसदी सीटें जीत गई। साफ है कि अखिलेश भी बीजेपी की जीत को कहीं न कहीं ईवीएम से जोड़ रहे हैं।

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