चाइल्ड पॉर्नोग्रफी पर सख्त हुआ SC, केंद्र को दिया हॉटलाइन नंबर जारी करने का आदेश

चाइल्ड पॉर्नोग्रफीनई दिल्ली। चाइल्ड पॉर्नोग्रफी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए केंद्र सरकार को ऑनलाइन पोर्टल बनाने और हॉटलाइन नंबर जारी करने का आदेश दिया है। इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति अपना नाम बताए बिना इन विडियोज को अपलोड करने वालों की शिकायत कर सकेगा। बता दें कि, तमाम कोशिशों के बावजूद चाइल्ड पॉर्नोग्रफी और रेप के वीडियोज को इंटरनेट पर डालने वालों पर रोक नहीं लगाईं जा पा रही है, जिस बात के मद्देनज़र SC ने ये आदेश दिया है।

जस्टिस मदन बी लोकुर और यूयू ललित की बेंच ने कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सुझाव भी स्वीकार किए। इस समिति में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, याहू और फेसबुक के टॉप टेक्नोक्रैट्स के साथ ही केंद्र का भी प्रतिनिधित्व था। कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि समिति के सुझाव को जल्द से जल्द लागू किया जाए।

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इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में इस समिति ने सर्वसम्मति से 11 सुझाव दिए ताकि रेप और चाइल्ड पॉर्नोग्रफी के विडियोज को इंटरनेट पर अपलोड और शेयर होने से रोका जा सके। समिति ने सुझाव दिया है कि केंद्र को ऑनलाइन सर्च इंजन और सिविल सोसायटी ऑर्गनाइजेशन्स के साथ मिलकर काम करना चाहिए और कीवर्ड्स खोजकर उन्हें ब्लॉक करना चाहिए ताकि लोग आपत्तिजनक विडियोज सर्च ही न कर सकें। यह भी सुझाव दिया गया है कि सभी भारतीय भाषाओं के कीवर्ड्स का पता लगाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इन सुझावों को लागू करने के संबंध में 11 दिसंबर को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को भी कहा है। बता दें कि केंद्र और इंटरनेट दिग्गजों के चाइल्ड पॉर्नोग्रफी विडियोज को अपलोड होने से रोकने के मामले में हाथ खड़े करने के बाद कोर्ट ने यह समिति बनाई थी।

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