झटके झेलने के लिए हो जाइए तैयार, महंगी होने जा रही है बिजली

पाबंदियोंलखनऊ। प्रदेश में बिजली महंगी होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। कंपनियों के बिजली महंगी करने संबंधी टैरिफ प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सोमवार को कई शर्तों और पाबंदियों के साथ स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव पर खुद आपत्ति जताते हुए आयोग ने कहा है कि कंपनियों द्वारा मन-मुताबिक दर बढ़ाने को नहीं माना जाएगा। बिजली की नई दरें नवंबर से लागू होंगी।

नियामक आयोग के अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने सोमवार को जारी आदेश में बिजली कंपनियों के बढ़ोतरी प्रस्ताव को दरकिनार कर दिया। कहा कि इस मामले में फिर से सुनवाई होगी और उसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

प्रदेश की पांचों बिजली कंपनियों ने 21 जून को मल्टी इयर टैरिफ (एमवाइटी) के तहत 70,460 करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया था जबकि आठ अगस्त को चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बिजली की दरों में औसतन 22.48 फीसद की बढ़ोतरी का प्रस्ताव सौंपा।

अध्यक्ष ने बताया कि तीन दिन में बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित एआरआर को समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना होगा। वैसे तो नियमानुसार आयोग को अधिकतम 120 दिनों में टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप देना होता है लेकिन अध्यक्ष के मुताबिक उनकी कोशिश होगी कि दीपावली के बाद नवंबर से नई बिजली की दरें लागू हो जाएं। प्रस्तावित दरों पर लखनऊ के अलावा कानपुर, वाराणसी व नोएडा में आयोग जन सुनवाई करेगा।

इलेक्टिक शॉक सरीखी है बढ़ोतरी: नियामक आयोग ने सोमवार को एआरआर स्वीकार करते हुए पूछा कि बिजली कंपनियों ने जब उदय योजना के तहत 6.95 फीसद वृद्धि की बात कही थी तो टैरिफ प्रस्ताव में 22.48 प्रतिशत की औसत वृद्धि क्यों प्रस्तावित की गई है? आयोग ने ग्रामीणों की दरों में 141 फीसद और किसानों की दर में 70 प्रतिशत वृद्धि को विद्युत उपभोक्ताओं के लिए बड़ा झटका बताया और इसे इलेक्टिक शॉक का नाम दिया।

महंगी बिजली खरीद पर भी फटकार: नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा खरीदी जा रही महंगी बिजली को नहीं माना जाएगा। आयोग ने बिजली कंपनियों से 10 दिन में बिजली खरीद को ऐसे संशोधित करके लाने को कहा है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ मिल सके। आयोग ने इस साल अप्रैल से मौजूदा महीने तक की पूरी बिजली खरीद का ब्योरा भी तलब किया है।

उपभोक्ताओं ने भी उठाए सवाल: उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भी सोमवार को नियामक आयोग अध्यक्ष से आग्रह किया कि दरों के संबंध में बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर पावर कारपोरेशन से सभी सवालों के जवाब मिलने के बाद ही बढ़ोतरी प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना चाहिए। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उनकी तरफ से उठाए गए सभी बिंदुओं को आयोग ने प्रक्रिया में शामिल किया है।

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