भाजपा-आरएसएस को केरल में कोई जनसमर्थन नहीं : विजयन

भाजपानई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम| केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने सोमवार को कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) अलग-थलग हैं और इन्हें लोगों का कोई समर्थन नहीं हासिल है। विजयन ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, “भाजपा और आरएसएस राज्य में एक अलग-थलग सिस्टम हैं। वे एक बड़ी राजनैतिक पार्टी बनने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन लोगों ने इन्हें ठुकरा दिया है। यह केरल की सच्चाई है।”

राज्य में हिंसा में एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं के शामिल होने को लेकर भाजपा और सत्तारूढ़ माकपा में लगातार जुबानी जंग चल रही है।

विजयन ने भाजपा-आरएसएस के लोगों पर झूठ का प्रचार करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने भाजपा व माकपा समेत सभी राजनैतिक पार्टियों से राज्य में शांति बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की है।

उन्होंने कहा, “केरल के लोग जानते हैं कि यह एक दुर्भावनापूर्ण अभियान है..यह एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) के खिलाफ नहीं बल्कि सर्वाधिक शांतिपूर्ण राज्य केरल के खिलाफ है..कांग्रेस अपने राजनैतिक लाभ के लिए उनका साथ दे रही है।”

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कांग्रेस विधायकों ने राज्य में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर सोमवार को राज्य विधानसभा की कार्यवाही बाधित की।

विजयन ने कहा, “हमने सभी दलों से अपील की है कि वे पूरी चौकसी बरतें कि उनके समर्थक हिसा में लिप्त न हों। आपराधिक तत्व हो सकते हैं और सभी दलों में अपनी पहुंच बना सकते हैं।”

इससे पहले विजयन ने विधानसभा में कहा कि केरल में पहले भी हिंसा हुई है लेकिन इस बार ‘झूठ को फैलाया जा रहा है..एक मकसद के साथ।’

उन्होंने कहा कि इस बात को भी देखा जाना चाहिए कि पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की है। भाजपा दफ्तर पर हमला करने वालों और आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या में शामिल आरोपियों को पकड़ा गया है।

राज्य में मुस्लिम युवाओं के कट्टरता के तरफ बढ़ने पर विजयन ने कहा कि पुलिस केंद्रीय एजेंसियों की मदद से हालात पर करीबी नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक कट्टरता को धर्मनिरपेक्षता की ताकत से मात दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे कुछ मामले हुए हैं जिसमें युवा अपने घरों से भागकर अफगानिस्तान या कुछ अन्य देश चले गए। पुलिस इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। इस काम में वह एनआईए समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है।”

विजयन ने राज्य में शराब के लाइसेंस नियमों में ढील देने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया और कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध न राज्य के लिए हितकारी है और न ही देश के लिए। दुनिया में कहीं भी यह सफल नहीं हुआ है। इससे अवैध शराब और मादक पदार्थ को बढ़ावा मिलता है। इससे हमारे राज्य में पर्यटन प्रभावित होता है।

 

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