
नई दिल्ली। वान्ना-क्राई के आतंक के महीनेभर बाद एक नए ‘पीटरैप’ रैनसमवेयर ने फिर से दुनिया भार के कई देशों पर हामला कर दिया है. ‘पीटरैप’ रैनसमवेयर नाम के इस वायरस ने दुनियाभर के कई देशों के साथ भारत को भी निशाना बनाया है. मंगलवार को यूके, रूस, फ्रांस, स्पेन में इसने कंज्यूमर, शिपिंग, एविएशन, ऑइल ऐंड गैस कंपनियों पर ‘हमला’ किया. जानकारी के मुताबिक यूक्रेन की सहायक भारतीय कंपनियों पर असर पड़ा है.
रैनसमवेयर के ताजे अटैक की वजह से भारत के सबसे बड़े कंटेनर पोर्ट में शामिल JNPT प्रभावित हुआ है. JNPT पर गेटवे टर्मिनल्स इंडिया (GTI) को ऑपरेट करने वाली एपी मोलर मर्सेक कंपनी का काम बिल्कुल ठप हो गया. यह कंपनी पोर्ट पर करीब 1.8 मिलियन कंटेनर्स को हैंडल करती है.
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पोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि साइबर हमले से निपटने के लिए काम किया जा रहा है. JNPT के एक अधिकारी के मुताबिक समस्या को जल्दी ठीक किया जाएगा.
क्या है पीटरैप
पीटरैप को ‘पीटा’ नाम के पुराने रैनसमवेयर का एडवांस वर्जन माना जा रहा है. करीब एक महीन पहले इसने 20 शीर्ष कंपनियों की कम्प्यूटर स्क्रीन्स लॉक कर दी थीं, जिन्हें अनलॉक करने के एवज में 300 डॉलर की डिमांड की गई थी.
मंगलवार को रैनसमवेयर ने मॉन्डेल्ज, मर्क और मेर्स जैसों को खास तौर पर निशाना बनाया था. ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर्स सप्लाई करने वाली कंपनी ऐवीरा ने भी इसकी पुष्टि की है.
यूक्रेन में क्या हुआ
रैनसमवेयर का यूक्रेन पर काफी असर पड़ा है. यहां बड़े पैमाने पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों के कम्प्यूटरों में खराबी का मामला सामने आ रहा है. यह भी पता चला है कि कई पेट्रोल स्टेशनों को अपना काम रोकना पड़ा है. यूक्रेन के अधिकारियों ने देश के पॉवर ग्रिड और साथ ही बैंकों एवं सरकारी दफ्तरों के कंप्यूटरों में गंभीर घुसपैठ की पुष्टि की है.





