नवाजुद्दीन आज मना रहे अपना जन्मदिन, जानिए कैसे बने बॉलीवुड के ‘फैजल’
मुंबई। बॉलीवुड के मंझे कलाकारों में से एक नवाजुद्दीन सिद्दीकी का आज जन्मदिन है। 19 मई 1974 को मुजफ्फरपुर के छोटे से नगर बुधाना में जमीनदारी परिवार में जन्मे नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने 8 भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। साइंस में ग्रेजुएट नवाजुद्दीन ने हरिद्वार के गुरुकुल कंगरी विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले नवाजुद्दीन ने वडोदरा में एक साल तक केमिस्ट के तौर पर काम किया था। घर की आर्थिक स्थिति में कुछ खास सुधार न पाकर, नवाजुद्दीन ने दिल्ली में अपनी किस्मत आजमाना सही समझा।
बहुत किया स्ट्रगल
बचपन से एक्टिंग का कीड़ा मन में तो था ही, अपनी चाहत को पूरा करने के लिए नवाजुद्दीन ने लगभग 10 प्ले में काम किया जिसके बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में एडमिशन लिया। इसके बाद वर्ष 2004 में नवाजुद्दीन मुंबई आ गए जहां रहने के लिए उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा। यह साल उनकी जिंदगी का सबसे बेकार साल रहा जब पैसों की कमी की वजह से रेंट न दे पाने पर उन्हें बेघर कर दिया गया था।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एक सीनियर के घर पर कुछ समय रहने के बाद सिद्दीकी ने आमिर खान की हिट फिल्म ‘सरफरोश’ में एक छोटा सा रोल किया। इसके बाद उन्होंने ‘जंगल’ मूवी में भी छोटा सा रोल किया। इसी तरह 2005 तक उन्होंने बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम ता किया पर कुछ खास सफलता नहीं मिली। टीवी की दुनिया में भी किस्मत आजमाने पर जब कुछ हाथ नहीं लगा तो उनकी उम्मीदें पूरी तरह से टूट चुकी थी।
फिल्म ‘कहानी’ से मिली पहचान
नवाजुद्दीन के करियर का टर्निंग प्वाइंट 2007 में आया जब आनुराग कश्यप कि फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में उनके काम को सराहा गया। इसके बाद 2008 में आई प्रशांत भारगवा कि ‘पतंग॑’ में भी उन्हे खूब पसंद किया गया। हालांकि नवाजुद्दीन के करियर में अब कुछ सुधार आया था पर बॉलीवुड बड़ा नाम बनना अब भी दूर की बात थी। फिल्म ‘कहानी’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ वो फिल्में थीं जो उन्हें शोहरत की उचाइयों पर ले गयीं। इसके बाद तो पीछे मुड़कर देखने जैसी कोई बात ही नहीं थी।
आने वाली फिल्म
बेहद लंबे संघर्ष के बाद पहचान बना चुके नवाजुद्दीन इस वक्त फिल्म निर्माता कुशन नंदी की फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ में अपने रोल की तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए वह जेम्स बॉन्ड से प्रेरित होकर उनकी फिल्में देखते हैं