
कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा से पहले अमन और शान्ति का माहौल कायम करने की कोशिशें की जा रही हैं। इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बैठक की। इस दौरान अलगाववादियों को अलग-थलग करने व आतंकियों के सफाए की रणनीति तैयार की गई।
आतंकियों के सफाए की रणनीति
इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ के बीच विस्तृत से चर्चा हो चुकी है। इस नए फार्मूले के आधार पर रियासत और केंद्र सरकार कश्मीर में जल्द ही स्थिति सामान्य होने का दावा कर रही है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात में महबूबा ने उन्हें कुछ सियासी शख्सियतों की चालों से भी अवगत कराया था।
बैठक में अलगाववादियों और पत्थरबाजों की फंडिंग के सभी रास्तों को बंद करना तय हुआ। सूत्रों के मुताबिक रणनीति के तहत अलगाववादियों को छेड़े बगैर ही उन्हें अलग-थलग किया जाएगा।
पत्थरबाजों पर नियंत्रण करने के लिए पेशेवर पत्थरबाजों को कैद किया जा रहा है। इसके अलावा छात्र-छात्रों के गुस्से को शांत करने के लिए संयम का रास्ता चुना गया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें तेज होती देख सेना और बीएसएफ को खुली छूट दे दी है। इस कार्रवाई में घाटी में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने का अभियान भी चलाया जा सकता है।
अब कश्मीर में अमन व शान्ति कायम करने के लिए की जाने वाली ये कोशिशे किस दिशा में हवा का रुख ले जाती हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।